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सेवा विस्तार खत्म, 1800 एसएमसी शिक्षकों को सताने लगा भविष्य का खतरा
Last Updated on January 2, 2020 by Deepak
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एसएमसी पीरियड बेसिस संघ के अध्यक्ष मनोज रौंगटा ने बताया है कि 1800 शिक्षकों में 1000 सीएंडवी, 650 टीजीटी और 150 जेबीटी का सेवा विस्तार समाप्त हो गया है। साल 2012 में बीजेपी सरकार ने 257 अध्यापकों की नियुक्ति एसएमसी से की थीं। उसके बाद कांग्रेस के कार्यकाल में 2400 एसएमसी अध्यापक लगे। सभी अध्यापक टेट की योग्यता के साथ आरटीई की योग्यता को पूर्ण करते हैं। एसएमसी अध्यापक आठ साल से बिना अवकाश के प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे हैं।
एसएमसी अध्यापकों पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में कोई भी मामला विचाराधीन न होने के चलते सरकार नीति बना सकती है। अध्यक्ष मनोज रौंगटा ने कहा कि जब सरकार उर्दू और पंजाबी तथा तकनीकी संस्थान में कार्यरत पीरियड बेसिस अध्यापकों को अनुबंध नीति में ला सकती है तो एसएमसी अध्यापकों के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है। संघ ने सीएम जयराम ठाकुर और शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज से एसएमसी अध्यापकों के लिए जल्द नीति बनाने की मांग की है।