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#Corona_Vaccine लगवाना व्यक्ति की मर्जी पर करेगा निर्भर, जानिए कब-किसे और कैसे लगेगी
Last Updated on December 18, 2020 by Sintu Kumar
नई दिल्ली। कोरोना की वैक्सीन का परीक्षण अंतिम चरण में है और सभी राज्यों ने टीकाकरण की तैयारी कर ली है। भारत में टीकाकरण की तैयारियों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry ) ने कहा है कोविड-19 की वैक्सीन लगवाना व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बात को भी रेखांकित किया कि भारत में उपलब्ध वैक्सीन भी दूसरे देशों में विकसित वैक्सीन जितनी ही कारगर होगी। मंत्रालय ने कहा कि पहले कोविड-19 से संक्रमित हो चुके लोगों को भी कोरोना वायरस की वैक्सीन (Corona vaccine ) की पूरी खुराक लेने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इससे बीमारी के खिलाफ मजबूत प्रतिरोधक क्षमता तैयार होगी। दूसरी खुराक लेने के दो हफ्ते बाद शरीर में एंटीबॉडी का सुरक्षात्मक स्तर तैयार होता है।
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स्वास्थ्य मंत्रालय ने तैयार की सवालों-जवाबों की लिस्ट
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 वैक्सीन से जुड़े कुछ सवालों-जवाबों की सूची तैयार की। इसमें कुछ सवालों को शामिल किया गया है जैसे कि क्या सबके लिए वैक्सीन लेना जरूरी है, वैक्सीन से कितने दिनों में एंटीबॉडी (Antibodies) तैयार होंगी, क्या कोविड-19 से उबर चुका व्यक्ति भी वैक्सीन ले सकता है आदि। कोविड-19 की वैक्सीन लेना व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करेगा। हालांकि वैक्सीन की पूरी खुराक लेने की सलाह दी जाती है। विभिन्न वैक्सीन परीक्षण के अलग-अलग चरण में हैं। सरकार जल्द ही कोविड-19 टीकाकरण शुरू करने के लिए तैयारी कर रही है। बता दें कि भारत में कोविड-19 के छह वैक्सीनों का परीक्षण चल रहा है। इसमें आईसीएमआर के तालमेल से भारत बायोटेक द्वारा विकसित वैक्सीन, जायडस कैडिला, जेनोवा, ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन पर परीक्षण चल रहा है। रूस के गमालेया राष्ट्रीय केंद्र के साथ तालमेल से हैदराबाद में डॉ रेड्डी लैब में स्पूतनिक वी वैक्सीन और एमआईटी, अमेरिका के साथ तालमेल से हैदराबाद में बायोलोजिकल ई लिमिटेड द्वारा विकसित वैक्सीन भी शामिल हैं।
नियामक संस्थानों की मंजूरी के बाद की जाएगी वैक्सीन की पेशकश
कम अवधि में परीक्षण के बाद तैयार वैक्सीन क्या सुरक्षित होगी और क्या इसके कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं इस सवाल पर मंत्रालय ने कहा है कि सुरक्षा और कारगर होने के आधार पर नियामक संस्थानों की मंजूरी के बाद वैक्सीन की पेशकश की जाएगी। सुरक्षित टीकाकरण अभियान के लिए राज्यों को वैक्सीन के विपरीत असर की स्थिति से निपटने के लिए भी इंतजाम करने को कहा गया है। 28 दिन के अंतराल पर वैक्सीन की दो खुराक लेने की आवश्यकता होगी। कैंसर, मधुमेह, हाइपरटेंशन आदि से जूझ रहे मरीज भी कोविड-19 के वैक्सीन की खुराक ले सकते हैं।
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टीकाकरण के लिए ये दस्तावेज होंगे मान्य
आरंभिक चरण में कोविड-19 वैक्सीन स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले प्राथमिकता समूह को दी जाएगी। वैक्सीन की उपलब्धता के आधार पर 50 वर्ष से ज्यादा उम्र वालों को भी इसकी खुराक दी जा सकती है। चिन्हित लोगों को टीकाकरण और उसके समय के बारे में उनके मोबाइल नंबर पर सूचना दी जाएगी। स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे के कर्मियों को टीकाकरण के लिए क्यों चुना गया है, इस पर मंत्रालय ने कहा कि सरकार अत्यंत जोखिम वाले समूहों को प्राथमिकता दे रही है। उन्हें सबसे पहले वैक्सीन की खुराक मिलेगी। वैक्सीन के लिए ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड आदि दस्तावेज मान्य होंगे।