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चुनौतियों से भरा रहा कुल्लू के मलाणा का वैक्सीनेशन अभियान, पढ़ें पूरी खबर
Last Updated on September 3, 2021 by Vishal Rana
कुल्लू। हिमाचल (Himachal) के कुल्लू जिले का मलाणा गांव। देखने में जितना सुंदर, यहां की मान्यताएं भी उतनी पुरानी। मलाणा (Malana) में आज भी लोग पौराणिक मान्यताओं पर चलते हैं। लोगों का तो कहना है कि इस गांव के ग्रामीणों ने आज तक भारतीय संविधान (Indian Constitution) को नहीं माना है, बल्कि इनका अपना के नैतिक और नीतिगत कानून हैं। जिसके अनुसार यहां के ग्रामीण अपने नियम कायदे चलाते हैं, इन नियम कायदों के चलते कई बार प्रशासन को भी जद्दोजहद करना पड़ता है।
उन्हें भी भारतीय कानून के हिसाब से चलाने की कोशिश की जाती है। कई बार कोशिशें फेल हो जाती हैं, कई बार कामयाब। इस बार कुल्लू जिला प्रशासन (Kullu District Administration) को कामयाबी हाथ लगी है। कोरोना वैक्सीनेशन के मलाणा वासी मान गए। प्रशासन की यह कोशिश काफी जद्दोजहद के बाद रंग लाई।
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प्रशासन के सामने थी कई चुनौतियां
कोविड की वैक्सीन (Vaccine) आने के बाद कुल्लू जिला प्रशासन के लिए मलाणा गांव में टीकाकरण अभियान (Vaccination Program) चलाना मुश्किल काम था। वजह थी, यहां की धार्मिक मान्यताएं। जिसके चलते प्रशासन अपने अभियान को मलाणा में चलाने के लिए फूंक-फूंक कर कदम रख रहा था।
क्योंकि एक भी आदमी छूटने पर कोरोना के चक्र के टूटने की पूरी गारंटी थी। और दूसरी कई बड़ी चुनौती सामने मुंह खोले खड़ी थी। मलाणा तक पहुंचने के लिए ना तो सड़क थी, ना ही वहां के लोगों ने अभी तक आधुनिक शिक्षा के प्रति रुझान दिखाया है। सबसे खास बात यह कि महर्षि जमलू देवता के आदेश पर स्थानीय शासन संचालन ने जिला प्रशासन की चुनौतियों को कई गुणा अधिक बड़ा बना दिया था।
डीसी आशुतोष गर्ग ने खोजा उपाय
जिनको पाटने के लिए कुल्लू डीसी आशुतोष गर्ग ने एक रणनीति बनाई। डीसी आशुतोष गर्ग ने मलाणा गांव में वैक्सीन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अवकाश के दिनों को चुना। सीएमओ डॉ सुशील चंद्र और जरी ब्लॉक की स्वास्थ्य कर्मियों और 1000 वैक्सीने की डोज लेकर कुल्लू के मलाणा गांव के लिए सुबह रवाना हो गए। मलाणा पहुंचने पर डीसी ने सार्वजनिक स्थल पर गांव के बुद्धिजीवियों को बुलाया।
जिसके बाद उन्होंने वैक्सीनेशन की प्रक्रिया और उससे जुड़े तथ्यों पर लंबी चौड़ी बात की। उसके बाद मलाणा गांव की आशा कार्यकर्ता निरमा देवी, ग्राम पंचायत के प्रधान राजूराम, उप प्रधान राम के अलावा मोतीराम, खिमी राम, देवता के पुजारी और कारदार सहित कुछ लोगों को विश्वास में लिया। फिर इनके माध्यम से गांव वासियों को कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित करने की रणनीति तैयार की। जिला प्रशासन की इस पहल के बाद थोड़ी देर में चबूतरा लोगों की हूजूम से खचाखच भर गया।
आखिरकार लग ही गया पहला डोज
इतना सब करने के बाद पहले दिन स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मलाणा के 236 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लगाई। अगले दो और दिन स्वास्थ्य विभाग की टीम मलाणा गांव में ही रुकी, ताकि सभी पात्र लोगों को वैक्सीन प्रदान की जा सके। दूसरे दिन 402 लोगों को देर रात तक वैक्सीन की पहली डोज लगाई गई।
शेष बचे लोगों को तीसरे दिन वैक्सीन प्रदान की गई। इस तरह से मलाना के सभी 1000 से अधिक लोगों को कोविड-19 वैक्सीन की पहली डोज को मॉप-अप राउंड में पूरा कर लिया गया। डीसी ने कहा कि वह मलाणा के लोगों की धार्मिक आस्थाओं धार्मिक मान्यताओं और विशेषकर जमरलू जी महाराज का दिल से सम्मान करते हैं।
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