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लोकिंदर बेक्टा/शिमला। पर्टयन नगरी शिमला के पानी में हैपेटाइटस का वायरस नहीं है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट के मुताबिक कोटी, बरांडी, बीन, जगरोटी और चुरहट पेयजल स्रोत से लिए गए पानी के सेंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई है। इसके अलावा अश्वनी ख़ड्ड के पेयजल टैंक से लिया गया सेंपल भी निगेटिव आया है। शिमला नगर निगम के महापौर संजय चौहान ने बताया कि एनआईवी की रिपोर्ट आने के बाद नगर निगम ने कोटी, बरांडी, बीन, जगरोटी और चुरहट पेयजल योजनाओं से पानी उठाना शुरू कर दिया है। उनका कहना था कि इन पेयजल योजनाओं से 8 एमएलडी पानी और मिलना शुरू हो गया है।
चौहान ने कहा कि इन पेयजल योजनाओं से पानी लिफ्ट होने से लोगों को जल संकट से निजात मिलेगी। उन्होंने कहा कि अश्वनी खड्ड, कोटी बरांडी और चुरहट नाला पेयजल योजनाओं की रिपोर्ट एनआईवी से निगेटिव आई है। उन्होंने बताया कि इन पेयजल योजनाओं के सैंपल 9 और 10 जनवरी को पुणे भेजे गए थे। पुणे की वायरोलॉजी लैब से रिपोर्ट आज ही नगर निगम को मिली है और इसमें इसका खुलासा हुआ है कि पानी में हैपेटाइटिस का वायरस नहीं है और यह पानी पीने योग्य है।
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