-
Advertisement
कोरोना संकट के बीच सूख गया Badrinath धाम के तप्तकुंड का पानी, क्यों हुआ ऐसा पढ़ें ये रपट
Last Updated on June 9, 2020 by
देहरादून। कोरोना संकट (Corona crisis) के बीच बद्रीनाथ धाम (Badrinath dham) के इतिहास में पहली बार ऐतिहासिक तप्तकुंड का पानी सूख गया है। यहां आने वाले श्रद्धालु पूजा से पहले इसी तप्तकुंड के गर्म पानी में स्नान करते थे। कुंड में प्राकृतिक रूप से ही हर समय गर्म पानी आता है। इन दिनों कोरोना वायरस संक्रमण को ध्यान में रखते हुए पानी के मूल स्रोत को बंद कर दिया गया है, जिसकी वजह से यह कुंड अब सूखा हुआ है। संक्रमण को देखते हुए एहतियातन तप्तकुंड को खाली कर दिया गया है, अब पानी के मूल स्रोत को बंद कर पानी की निकासी कुंड के बाहर से सीधे अलकनंदा (Alaknanda) में कराई जा रही है।
चर्म रोगों से मिलती है निजात
बद्रीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल के मुताबिक यह पहली बार देखने को मिल रहा है कि तप्तकुंड सूखा पड़ा है। कुंड में सैकड़ों लोग एक साथ स्नान करते थे। तप्तकुंड में स्नान करने का अपना महत्व है। इस कुंड में खुद ही गर्म पानी निकलता है जिसका धार्मिक महत्व है। कहा जाता है कि इस पानी में गंधक की मात्रा काफी ज्यादा है इसलिए इस कुंड के पानी में स्नान करने से चर्म रोगों (Skin diseases) से भी निजात मिलती है। यही कारण है कि चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्री इस कुंड में एक बार स्नान जरूर करते हैं। अब चारधाम यात्रा भी शुरु होने वाली है, जिसे देखते हुए बद्रीनाथ धाम के कर्मचारियों ने तप्तकुंड को फिलहाल सुखा दिया है।