- Advertisement -
नई दिल्ली। टेक्नोलॉजी (Technology) की इस दुनिया में अब कुछ कंपनियां रोबोट के जरिए कर्मचारियों का इंटरव्यू (Interview) ले रही हैं। यह रोबोट एल्गोरिदम से लोगों के हाव-भाव (Emotions) पहचानते हैं कि उनमें आत्मविश्वास (Confidence) है या नहीं। इन रोबोट के सॉफ्टवेयर (Software) को बंगलौर (Bangalore) की एक कंपनी (Company) संभालती है। इस तरह से रोबोट से इंटरव्यू (Interview) लेने से लोगों में इस बात की भावना भी खत्म होगी कि उनके साथ कोई भेदभाव (discrimination) या पक्षपात किया जा रहा है। ये रोबोट न सिर्फ हाव भाव बल्कि आवाज की टोन, आंखों की मूवमेंट के अनुसार नंबर देते हैं।
सिंगापुर और अमेरिका (America) में ऑपरेट करने वाली इस कंपनी के चीफ प्रॉडक्ट ऑफिसर राजीव मेनन ने बताया कि माइक्रोसॉफ्ट और आईबीएम से सोर्स किया गया यह सॉफ्टवेयर हाव-भाव से गुस्सा और खुशी जैसे भाव, आवाज से कॉन्फिडेंस और टेक्स्ट से टीम के साथ काम करने और निर्णय लेने की क्षमता का आकलन कर सकता है। मेनन ने बताया कि कैंडिडेट आम इंटरव्यू में सवालों का मनचाहा जवाब दे सकते हैं, लेकिन वीडियो असेसमेंट में भाव और शब्दावली पर ध्यान दिया जाता है।
इन रोबोट्स के जरिए एक्सिस बैंक (Axis Bank) में भी इंटरव्यू लिए गए थे। बैंक के एचआर हेड राजकमल वेंपति ने बताया, ‘बैंक ने इस साल 40 हजार से ज्यादा कैंडिडेट्स में से दो हजार कस्टमर सर्विस ऑफिसर्स की भर्ती के लिए एप्टिट्यूड टेस्ट के साथ एल्गोरिदम वाले विडियो इंटरव्यू का सहारा लिया था।’ वहीं, सेंटर फॉर इंटरनेट एंड सोसायटी के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर सुनील अब्राहम ने बताया, ‘अगर आप एक इंसान को मूर्ख बना सकते हैं, तो कंप्यूटर को भी मूर्ख बना सकते हैं।’ अब्राहम ने कहा कि ऐसे सॉफ्टवेयर लोगों को खास तरह से व्यवहार करने पर मजबूर कर ‘इमोशनल इकनॉमी को एक जैसा बना सकते हैं।’
- Advertisement -