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पूर्णिमा से अमावस्या के 15 दिन में पितरों को याद किया जाता है और उनका तर्पण किया जाता है। कई घरों में पितरों का आशीर्वाद मिला होता है तो कई बार पितर नाराज होते हैं। पितरों को प्रसन्न करने के लिए ही पितृ पक्ष में दान किया जाता है। इस दान को ही महादान कहते हैं। कुछ संकेत ऐसे मिलते हैं जो व्यक्ति को दर्शाते हैं कि उसके पितर उससे प्रसन्न हैं या अप्रसन्न। हम आपको यहां उन खास संकेतों के बारे में जानकारी दे रहे हैं आप भी इनके माध्यम से जान सकते हैं कि आपके पितर आपसे प्रसन्न हैं या नहीं…
आपके घर में लगातार कोई बीमार हो रहा है इलाज के बावजूद ठीक नहीं हो रहा है तो इसका मतलब है कि आपके पूर्वज आपसे नाराज चल रहे हैं।
हर इंसान चाहता है कि उसके घर में लड़ाई-झगड़ें ना हों लेकिन इसके बावजूद ऐसा हो जाता है, यह सब पितृदोष की वजह से भी हो सकता है।
पितृ पक्ष में की गयी छोटी-छोटी गलतियों की वजह से भी आपके घर में अशांति का माहौल बन जाता है, ऐसे में आपको बड़ी ही सावधानी से रहना चाहिए।
कई बार अच्छी कमाई होने के बावजूद लोगों के घर में पैसों की किल्लत बनी रहती है, ऐसे में आपको समझना चाहिए कि आप पितृदोष का शिकार हो गए हैं।
अगर समाज में लोग आपसे दूर होते जा रहे हैं और आपके मान-सम्मान में कमी आ रही है तो ये भी पितृ दोष के ही लक्षण हो सकते हैं।
अगर आपको आपकी संतानें कष्ट देती हैं तो ये भी पितृ दोष की ही समस्या हो सकती है।
आप बार-बार किसी कानूनी पचड़े में फंस रहे हैं तो इसका मतलब है कि आपके पूर्वज आपसे नाखुश चल रहे हैं।
आप अचानक से किसी गंभीर बीमारी का शिकार हो जाते हैं तो ये भी आपके पितृ दोष की वजह से ही हो सकता है।
अगर आपके घर में किसी का बार-बार एक्सीडेंट हो रहा है तो ये पितृदोष की वजह से हो सकता है।
आप अगर चाहें तो पितृपक्ष में अपने पूर्वजों को दोबारा से प्रसन्न कर सकते हैं इससे आप फिर से अपनी सामान्य जिंदगी जी सकते हैं।
-ज्योतिषाचार्य पं. दयानंद शास्त्री, उज्जैन, मध्यप्रदेश
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