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राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में क्या-क्या होने वाला है खास , पढ़े यहां
नेशनल डेस्क। अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर (Shri Ram Janmabhoomi Temple in Ayodhya) में आने वाले 22 जनवरी प्राण प्रतिष्ठा का भव्य कार्यक्रम होना है। इसकी तैयारी जोरों पर चल रही है। प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। भारत के सबसे बड़े मंदिर में होने वाले समारोह के लिए बहुत सारी खास तैयारियां की जा रही है, जिनके बारे में हम आप को सिलसिलेवार बताने जा रहे हैं।
अवधपुरी प्रभु आवत जानी।
भई सकल सोभा कै खानी॥ pic.twitter.com/KE8WMfPoyr— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) January 20, 2024
टेंट सिटी : प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर अयोध्या आने वाले मेहमानों के लिए सरयू किनारे चौधरी चरण सिंह घाट(Choudhary Charan Singh Ghat पर भी एक आलीशान टेंट सिटी (Tent city) बनाई गई है। इस टेंट सिटी में 39 कॉटेज बनाए गए हैं। ये कॉटेज आधुनिक सुविधाओं से भरपूर तो है ही लेकिन इसमें स्थानीय परंपरा का भी विशेष ध्यान रखा गया है।
दुनिया का सबसे भारी ताला : अयोध्या राम मंदिर के लिए दुनिया का सबसे बड़ा ताला(Biggest lock) तैयार किया गया है। इस ताले का वजन 400 किलो है और यह अयोध्या पहुंच गया है। ताले को अलीगढ़ में ताले को सत्यप्रकाश शर्मा की पत्नी रुक्मणी देवी एवं बेटे महेश चंद ने बनाया है। छह फीट दो इंच लंबे और दो फीट साढ़े नौ इंच चौड़े ताले को बनाने में 65 किलोग्राम पीतल लगा। तीन फीट चार इंच लंबी इसकी चाबी तीस किलोग्राम की है। इसको बनाने में छह महीने लगे।
1,265 किलो का लड्डू : हैदराबाद के नागभूषण रेड्डी नाम के एक शख्स ने राम मंदिर के लिए 1,265 किलोग्राम का लड्डू (1,265 kg laddu) बनाया है। इस लड्डू को तैयार करने में लगभग 30 लोगों ने लगातार 24 घंटे काम किया है। यहां लड्डू को एक साथ इतना बड़ा बनाने में 4 घंटे का समय लगा। लड्डू को हैदराबाद से अयोध्या सड़क मार्ग से लाया गया है। इस विशाल लड्डू को काजू-बादाम और दूसरे मावों से सजाया गया है। इस लड्डू को इस तरीके से बनाया गया है कि ये टूटेगा नहीं।
भारत का सबसे बड़ा मंदिर : यह मंदिर भारत का सबसे बड़ा मंदिर है, जिसका क्षेत्रफल 70 एकड़ है, जिसमें से 70 फीसदी ग्रीन एरिया है। इस मंदिर को बनाने में लोहे और स्टील का उपयोग नहीं किया गया है। इसमें सिर्फ पत्थर, कॉपर, सफेद सीमेंट और लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है।
लिमिटेड दर्शन : अयोध्या राम मंदिर में लिमिटेड लोगों को दर्शन का मौका मिलेगा। दर्शन के लिए भक्तों को https://srjbtkshetra.org/ पर जाकर बुकिंग करनी होगी।
प्राण प्रतिष्ठा टाइमिंग : प्राण प्रतिष्ठा का पवित्र समारोह 22 जनवरी को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में होने वाला है। राम मंदिर का अभिषेक समारोह दोपहर 12:15 से 12:45 के बीच होने की उम्मीद है।
अयोध्या में जन्म भूमि स्थित राम- मन्दिर में आज दिन में 12:30 बजे के बाद राममूर्ति का प्रवेश हुआ। दोपहर 1:20 बजे यजमान द्वारा प्रधानसंकल्प होने पर वेदमन्त्रों की ध्वनि से वातावरण मंगलमय हुआ। मूर्ति के जलाधिवास तक के कार्य गुरुवार को संपन्न हुए।
दिनांक 19 जनवरी शुक्रवार को प्रातः… pic.twitter.com/F6E9IAoyLM
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) January 18, 2024
दर्शन का समय : भक्तों के लिए मंदिर दर्शन का समय सुबह 7 बजे से 11:30 बजे तक है. मंदिर एक बार फिर दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक दर्शन के लिए खुला रहेगा।
आरती का समय : सुबह 6:30 बजे (श्रृंगार/जागरण आरती), दोपहर (भोग आरती), और शाम 7:30 बजे (संध्या आरती) के लिए तीन दैनिक आरती समारोह निर्धारित हैं। आरती समारोहों में भाग लेने के लिए पास की जरूरत पड़ेगी।
ऑफलाइन टिकट बुकिंग : अयोध्या राम मंदिर विजिटर सेंटर से सुबह 10 बजे से शाम के 6 बजे तक ऑफलाइन टिकट बुकिंग की जा सकती है। यह पहले आओ और पहले पाओ पर आधारित होगा।
मंदिर की खासियतः इसे परंपरागत नागर शैली में बनाया जा रहा है। मंदिर की लंबाई (पूर्व से पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट होगी। मंदिर तीन मंजिला होगा और प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट रहेगी। मंदिर में कुल 392 खंभे व 44 द्वार है। मुख्य गर्भगृह में प्रभु श्रीराम का बालरूप (श्रीरामलला सरकार का विग्रह) होगा वहीं इसके पहले तल पर श्रीराम का दरबार है। मंदिर में 5 मंडप होंगे नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप व कीर्तन मंडप। राम मंदिर में लगे खंभों और दीवारों में देवी-देवता तथा देवांगनाओं की मूर्तियां उकेरी जा रही हैं।
मंदिर परिसर में प्रस्तावित अन्य मंदिरः महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी व ऋषिपत्नी देवी अहिल्या को समर्पित रहेंगे। दक्षिण पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीला पर भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है जहां जटायु प्रतिमा की स्थापना की गई है।