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Karwa Chauth Special : पूजा की थाली में जरूर होनी चाहिए ये चीजें
Last Updated on October 12, 2022 by sintu kumar
करवा चौथ व्रत सुहागिनों के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। इस साल करवा चौथ व्रत 13 अक्टूबर को रखा जाएगा। इस दिन सुहागन स्त्रियां पति की लंबी आयु की कामना के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं। उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में सूर्योदय से पहले सरगी खाने की भी परंपरा है। पूरा दिन निर्जला व्रत करने के बाद शाम को पूजा और कथा पढ़कर या सुनकर चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोला जाता हैं। महिलाएं करवा चौथ का व्रत करते समय चांद निकलने तक अन्न-जल, कुछ भी ग्रहण नहीं करती। वहीं, इस दिन खास व्रत की पूजा के दौरान इस्तेमाल में लाई जाने वाली सामग्री का भी खास ध्यान रखा जाता है, जिसके लिए महिलाएं लंबे समय से लिस्ट बनाकर रखती हैं, ताकि कोई भी चीज़ छूट ना जाए।
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हम आप को ऐसी लिस्ट के बारे में बता रहे हैं। जिसमें थाली में रखी जाने वाली सभी सामग्रियों के बारे में बताया गया है। इस में छलनी, मिट्टी का टोंटीदार करवा और ढक्कन, दीपक, सिंदूर, फूल, मेवे, फल, रुई की बत्ती, कांसे की 9 या 11 तीलियां, नमकीन मठ्ठियां, मीठी मठ्ठियां, मिठाई, रोली और अक्षत (साबुत चावल), आटे का दीपक, धूप या अगरबत्ती, पानी का तांबा या स्टील का लोटा, आठ पूरियों की अठावरी और हलवा व दक्षिणा।
कथा के अनुसार, इसदिन व्रती महिलाओं को कैंची और चाकू का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही न ही नाखून काटने चाहिए। कहते हैं कि जो महिलाएं ऐसा करती हैं उनके व्रत का फल नष्ट हो जाता है। मान्यता है कि इस दिन जीव हत्या करने से पति के जीवन पर संकट आते हैं, इसलिए इस दिन किसी भी तरह की हिंसात्मक गतिविधि नहीं करनी चाहिए।करवा चौथ के दिन चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही व्रत तोड़ना चाहिए। इसके अलावा ऐसी मान्यता है कि शाम के वक्त भी टूटा हुआ अन्न नहीं खाना चाहिए। व्रत नियम का पालन करने वाली व्रती महिलाओं को सदा सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है।