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हिंदू धर्म में शनिदेव को न्याय का देवता कहा गया है। शनिदेव मनुष्यों को उनके कर्मों के हिसाब से फल देते है। यदि किसी की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या हो तो वह उसकी सफलता में बाधक होती है। इससे बचने के बहुत से उपाय भी हैं। अगर कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में है तो भाग्य भी आप का साथ नहीं देता है। इसके लिए आपको भगवान शनि को प्रसन्न करना होगा। शनिवार के दिन ये उपाय करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। आइए जानते हैं कौन से हैं वे उपाय..
शनिवार को काले तिल, आटा शक्कर तीनों को मिला लें। इसके बाद ये मिश्रण चींटियों को खाने के लिए डालें।
शनि देव को प्रसन्न करने के लिए सरसों के तेल में लोहे की कील डालकर उसे दान कर दें।
हर रोज़ हनुमान जी का पूजन करें व हनुमान चालीसा का पाठ करें।
प्रत्येक शनिवार को शनि को तेल चढ़ाएं।
काले घोड़े की नाल या नाव की कील से अंगूठी बनाकर अपनी मध्यमा अंगुली में शनिवार को सूर्यास्त के समय धारण करें।
शनिदेव को पूजा के दौरान नीले पुष्प अर्पित करें। साथ ही शनि मंत्र ऊँ शं शनैश्चराय नमः का रुद्राक्ष की माला में जप करें। मंत्र की जप संख्या 108 होनी चाहिए।
सिन्दूर लगे हनुमान जी की मूर्ति का सिंदूर लेकर सीता जी के चरणों में लगाएं।
शनिदेव के नामों का कम से कम 108 बार जप करें। नाम इस प्रकार हैंः कोणस्थ, पिंगल, बभ्रु, कृष्ण, रौद्रान्तक, यम, सौरि, शनैश्चर, मंद, पिप्पलाश्रय
शनिवार को तेल में बने हुए पदार्थ किसी भिखारी को खिलाने से शनिदेव बेहद प्रसन्न होते है। इसके अलावा अगर घर में गूगल की धूप जलाया जाए तो यह उपाय भी काफी प्रभावशाली माना जाता है।
सूर्यास्त के बाद सुनसान स्थान पर लगे पीपल के पास दीपक प्रज्वलित करें। यदि ऐसा न हो तो किसी मंदिर में लगे पीपल के पास भी दीपक प्रज्वलित किया जा सकता है।
तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें काले तिल डालें। उसके बाद ये जल शिवलिंग पर अर्पित करें। ऐसा करने से व्यक्ति को सभी रोगों से मुक्ति मिलेगी।
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