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ये है Agriculture Business से जुड़ी #Himachal की पहली प्राइवेट लिमिटेड कंपनी
Last Updated on November 4, 2020 by Sintu Kumar
ऊना। केंद्र सरकार का कृषि कानून ( Agricultural law) बनने के बाद जिला ऊना के किसानों ने प्रगति की तरफ कदम बढ़ा दिए हैं। जिला ऊना के पंजावर मत्स्य पालन के व्यवसाय से जुड़े दो किसानों ने कृषि कारोबार ( Agricultural business) से जुड़ी अपनी एग्रो ऑर्गेनिक फार्मर प्रोड्यूसर (Agro Organic Farmer Producer) नाम की कंपनी रजिस्टर (Register) करवाई है। पंजावर में फिश फार्म का संचालन कर रहे इन दो भाइयों अखिल राणा और अनिल राणा ने केंद्र सरकार की कृषि कानून का समर्थन किया है। वही इन दोनों किसान भाइयों की कंपनी को कम्पनी एक्ट 1956 के अंर्तगत रजिस्टर किया गया है।
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कृषि विधेयक के विरोध के बीच हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला से किसानों ने इस कानून का स्वागत करते हुए कंपनी एक्ट के तहत अपनी फर्म को प्राइवेट लिमिटेड का दर्जा दिलाते हुए पंजीकरण करवा लिया है। जिला ऊना के पंजावर के किसान भाइयों अनिल राणा और अखिल राणा ने अपनी एग्रो ऑर्गेनिक फार्मर प्रोड्यूसर प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी को कंपनी एक्ट की धारा 1956 के अंर्तगत रजिस्टर करवाया है। ये कंपनी भारत सरकार के पायलट प्रोजेक्ट (Pilot project) के रूप में रजिस्टर हुई है। दस लोगों के शेयर से इस कंपनी की शुरुआत हुई है और ये कंपनी ज़िला ऊना के हर गांव में किसान सहायता समूह बनाकर छोटे किसानों को इस कंपनी में जोड़ेगी। किसान सहायता समूह में छोटे बड़े सभी किसान जुड़ सकते है। इन सहायता समूह में से 2 सदस्य एग्जक्यूटिव बॉडी के मेंबर होंगे ये बोर्ड ऑफ डायरेक्टर का चयन करेंगे। वहीं लोग इस कंपनी के डॉयरेक्टर बनेंगे इस कंपनी में 5 से 15 तक डायरेक्टर बनाने का प्रस्ताव है।
अनिल और अखिल ने कहा केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया कृषि कानून किसानों की तकदीर बदलने वाला फैसला है। पहले किसानों को अपने उत्पाद बेचने के लिए मंडी के ऊपर निर्भर रहना पड़ता था। लेकिन अब केंद्र सरकार ने कृषि बिल (Agricultural bill) पास कर किसानों को अपना माल कहीं भी बेचने के लिए स्वतंत्र कर दिया है। इतना ही नहीं किसान अपनी कंपनी बनाकर भी अपने उत्पादों का विपणन कर सकते हैं। विधेयक के इस मद का लाभ किसानों को मिले यह हमारा प्रयास रहेगा। इसी के तहत हमने एग्रो ऑर्गेनिक फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी पंजीकृत करवाई है। हमारी कोशिश है ज़िला के सभी किसान इस कंपनी में जुड़ें और बड़ी-बड़ी कंपनियों से मुकाबला करें। इसमे भारत सरकार भी हमारा सहयोग कर रही है । वहीं मत्स्य पालन विभाग के अधिकारी विवेक शर्मा का कहना है कि पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पहली कम्पनी ज़िला ऊना के किसानों ने रजिस्टर करवाई है। जिसके तहत अब किसानों के दिन बहुरने की उम्मीद जगी है। इस कंपनी के पंजीकृत होने का फायदा न केवल मत्स्य पालन से जुड़े किसानों को होगा बल्कि परंपरागत खेती से जुड़े किसान भी इस कंपनी से जुड़कर लाभ कमा सकते हैं।
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