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शिमला। हिमाचल प्रदेश के एक मंदिर में प्रेमी युगलों को पनाह दी जाती है। जो प्रेमी युगल भागकर यहां आते हैं, उनका कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता। यह मंदिर कुल्लू में शांघड गांव में स्थित है। यह मंदिर देवता शंगचूल महादेव का मंदिर है।
यहां भागे हुए प्रेमियों को आश्रय दिया जाता है। यह मंदिर महाभारत काल में बना बताया जाता है। पांडव कालीन इस गांव में ऐतिहासिक धरोहरें भी मिलती है। माना जाता है कि मंदिर में किसी भी जाति का कोई भी प्रेमी युगल शरण ले सकता है। इस शंगचूल महादेव मंदिर की सीमा में प्रवेश करते ही उसे भगवान की कृपा मिल जाती है। उनका कोई कुछ भी नुकसान नहीं पहुंचा सकता है। खुद प्रेमियों के परिजन भी उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाते।
करीब 100 बीघा में फैले मंदिर परिसर में जैसे ही कोई प्रेमी युगल प्रवेश कर लेता है, उसके बाद वो इस मंदिर के देवता की शरण या आश्रय पा लेता है।शंगचूल महादेव के मंदिर में भागकर आए प्रेमी युगल के मामले जब तक सुलझ नहीं जाते, तब तक मंदिर के पंडित प्रेमी युगलों की खातिरदारी करते हैं। इस परंपरा के अनुसार इस गांव में पुलिस के आने पर भी रोक है। इसके साथ ही शराब, सिगरेट और चमड़े की वस्तु लेकर आने पर भी मनाही है। इस मंदिर में कोई भी हथियार के साथ प्रवेश नही कर सकता और ना ही किसी को ऊंची आवाज में बात करने की इजाजत होती है। इस मंदिर के देवता का फैसला ही सबके लिए मान्य होता है।
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