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नाहन।शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने सिरमौर जिला में ‘अखंड शिक्षा ज्योति मेरे स्कूल से निकले मोती’ योजना की शुरुआत की। 200 साल से भी अधिक पुराने राजकीय शमशेर वरिष्ठ पाठशाला नाहन में आयोजित सम्मान समारोह के दौरान 16 शख्सियतों को सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वालों में ही रिटायर्ड आईएएस अधिकारियों से लेकर कई बड़े नाम शामिल थे। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने इस योजना को सफल बताया।
बता दें कि शमशेर स्कूल की स्थापना 1783 में तत्कालीन शासक शमशेर प्रकाश ने की थी, जिसे साल 1957 में हाई स्कूल का दर्जा प्राप्त हुआ था। सन 1986 में यह स्कूल वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल बन गया था।स्कूल से हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री डॉ वाईएस परमार और पूर्व राज्यपाल अश्वनी कुमार जैसी कई अंतरराष्ट्रीय हस्तियों ने शिक्षा हासिल की है। यहां से देश को करीब 7 स्वतंत्रता सेनानी, 13 आईएएस, 5 आईपीएस, दो राज्यमंत्री, तीन सांसद और आधा दर्जन के करीब लेफ्टिनेंट भी दिए हैं।
इस अवसर पर सेवानिवृत आईएएस अधिकारी कश्मीर सिंह ने सरकार की योजना की तारीफ की और कहा कि निश्चित तौर पर योजना छात्रों के लिए प्रेरणा का काम करेगी।उधर, साल 1959 में शमशेर स्कूल से दसवीं की शिक्षा ग्रहण कर चुके शिक्षाविद अमर सिंह चौहान ने बताया कि ऐसे लोगों का अपने स्कूल में पहुंचना बेहद प्रेरणादायक हैं, जिन्होंने बड़े स्थान पर पहुंचकर महारथ हासिल की है। उन्होंने कहा कि न केवल बच्चों को प्रेरणा मिल रही है, बल्कि उनके लिए भी दोबारा स्कूल में पहुंचना किसी बड़ी खुशी से कम नहीं है। कुल मिलाकर इस योजना को चलाने के पीछे सरकार की मंशा है कि इससे नए छात्रों को उच्च स्थान पर पहुंचे शख्सियतों से प्रेरणा मिलेगी।
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