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चंडीगढ़। इस बार के केंद्रीय बजट, 2017-18 में पहली बार रेल बजट शामिल किया गया। रेल बजट को केंद्रीय बजट में शामिल करना एक बड़ा साहसिक और सुधारात्मक बजट है। जिससे आमजन हितैषी और किसान हितैषी और मांग, अर्थव्यवस्था और डिटिलीकरण को व्यापक बढ़ावा देने वाला बजट है। यह बजट सीएम मनोहर लाल ने केंद्री वित्त मंत्री अरूण जेटली द्वारा आज संसद में प्रस्तुत किया। आज यहां बजट प्रस्तावों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सीएम ने राजनीतिक पार्टियों के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरना अनिवार्य करके राजनीतिक वित्तपोषण में अत्यावश्यक सुधार लाने और किसी पार्टी द्वारा किसी एक स्रोत से अनुदान के रूप में ली जाने वाली अधिकतम नकद राशि को 20 हजार रुपये से कम करके 2 हजार रुपये किए जाने के लिए सरकारी की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह बजट पीएम नरेंद्र मोदी के विचारों और गरीब हितैषी दृष्टिकोण को प्रतिबिम्बित करता है।
जेटली ने बेहतर वित्तीय प्रबंधन एवं संसाधन के समुचित उपयोग को 3.96 लाख करोड़ रुपये के आबंटन के साथ मिलाते हुए आधारभूत संरचना को आवश्यक मजबूती प्रदान की है, जिससे लाखों रोजगार उत्पन्न होंगे। मनरेगा के अंतर्गत वर्ष 2017-18 के दौरान खेती से जुड़े और पांच लाख तालाबों का कार्य शुरू किया जाएगा। मनरेगा के लिए आबंटित अब तक का सर्वाधिक 48,000 करोड़ रुपये का बजट होगा। वित्त मंत्री ने 3 लाख रुपये से अधिक के किसी भी नकदी लेनदेन की अनुमति न देकर डिजिटलीकरण को बढ़ावा दिया है और यूपीआई जैसे डिजिटल लेनदेन के माध्यम से 2500 करोड़ रुपये के लेनदेन के लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि इन सभी उपायों से अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और लाखों लोगों के लिए रोजगार सृजित होंगे।
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