- Advertisement -
रविन्द्र चौधरी/फतेहपुर। ब्यास नदी (Beas River) पर मिट्टी की दीवार से बनाए गए एशिया के सबसे बड़े बांध पौंग बांध (Pong Dam) स्थित महाराणा प्रताप सागर झील में बुधवार सुबह 6 बजे जलस्तर 1346.52 जब की शाम तीन बजे 1346.92 फीट रिकार्ड किया गया है। इसी तरह से शाम पांच बजे 1347 फीट जलस्तर रिकार्ड किया गया है। जो कि पिछले साल के मुकाबले 8.55 फीट कम है। जब की पिछले साल आज के दिन पौंग बांध का जल स्तर 1355.47 था। इस बार जलस्तर (Water level) कम होने का कारण बारिश का कम होना माना जा रहा है। इस समय बांध में मात्र 29944 क्यूसिक पानी की आवक हो रही थी और बांध के बिजली घर की टरबाइनों के माध्यम से 3584 क्यूसिक पानी डिस्चार्ज हो रहा है।
इस बीच विगत चार दिनों में ही बांध के जलग्रहण क्षेत्र में हुई भारी बारिश के चलते 8 फुट जलस्तर बढ़ा है और महराना प्रताप सागर झील अब लबालब भरने लगी है। बीबीएमबी के चीफ इंजीनियर ने बताया कि पौंग बांध में भरपूर जलभराव होने से अब सारा साल पंजाब, हिमाचल, हरियाणा तथा राजस्थान के लिए सिंचाई सुविधा के लिए भरपूर पानी उपलब्ध रहेगा। इसी प्रकार बिजली उत्पादन भी भरपूर होगा, जो राष्ट्र समृद्धि के लिए सहायक रहेगा। उन्होंने बताया कि 1410 फीट तक जलभराव क्षमता वाले इस बांध में पानी 1395 फीट तक भरा जा सकता है। चाहे खतरे का निशान 1390 फीट निर्धारित किया गया है। इसलिए और पानी रोका जा सकता है।
स्थानीय प्रशासन व बीबीएमबी अधिकारियों ने बताया कि इस सबके बावजूद बांध प्रबंधन हालात पर पूरी तत्परता से नजर रखे हुए है। उन्होंने कहा हम बारिश की भविष्यवाणी, पानी की आवक तथा अन्य सभी पहलुओं पर नजर रखे हुए हैं। उन्होंने कहा फिलहाल स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है और ऐसी मात्रा में अतिरिक्त पानी छोड़ने की कोई भी संभावना नहीं है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन जाए। वहीं, एसडिएम फतेहपुर बलवान चंद ने बताया की पंचायत प्रधानों, पंचायत के लोगों, गुजर समुदायाओं, किसानों व लोगों को ब्यास नदी के पास न जाने की हिदायत दे दी गई है। लगातार बारिश होने से ब्यास नदी का जल स्तर बढ सकता है। वहीं, 24 घंटे आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए कन्ट्रोल रुम भी स्थापित कर दिया गया है। इसके लिए टीमों का भी गठन किया गया है। आपातकालीन स्थिति मे फोन नंबर 01893-256222 पर सम्पर्क किया जा सकता है।
- Advertisement -