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शून्य निवेश नवाचार में उत्कृष्ट प्रदर्शन से तीन शिक्षक बने प्रेरणा स्त्रोत
Last Updated on March 8, 2020 by Deepak
सोलन। शिक्षा में शून्य नवाचार के लिए सोलन जिला के तीन प्राथमिक शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने हाल ही में आईआईटी दिल्ली में इन शिक्षकों को सम्मानित किया है। सम्मानित किए गए शिक्षकों में शिक्षा खंड कंडाघाट की पूनम कश्यप, शिक्षा खंड रामशहर के कपिल राघव तथा शिक्षा खंड धुंदन के दिलीप कुमार शामिल हैं। शिक्षा में शून्य निवेश नवाचार शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को प्रभावशाली बनाने का बेहतरीन माध्यम है। इसमें छात्रों को रोचक तरीके से किसी भी विषय की जानकारी सूक्ष्मता से समझाई जाती है। शिक्षा में शून्य नवाचार के लिए श्री अरविंदो सोसायटी द्वारा दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय शिक्षक कार्यशाला में पूरे देश के सभी राज्यों से चयनित शिक्षकों के पुरस्कार प्रदान किए किए गए। पांच दिवसीय राष्ट्रीय शिक्षक कार्यशाला में देश के लगभग 900 चयनित शिक्षकों ने भाग लिया।
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सोलन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत शिक्षा खंड कंडाघाट की राजकीय प्राथमिक पाठशाला क्वारग की अध्यापिका पूनम कश्यप ने अपने विषय ‘हू विल बी रॉक स्टार’ के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियां आयोजित कर छात्रों को नैतिक मूल्यों की जानकारी प्रदान की तथा बच्चों में समाज में विभिन्न नैतिक मूल्यों के अनुसरण के लिए प्रेरित किया। उन्होंने पाठशाला में व्यवहारिक तरीके से बच्चों को नैतिक मूल्यों को अपनाने के साथ-साथ अन्य शैक्षणिक गतिविधियां और स्वच्छता के प्रति भी जागरूक किया। अर्की विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत शिक्षा खंड धुन्दन की राजकीय प्राथमिक पाठशाला सेली में कार्यरत जेबीटी अध्यापक दिलीप कुमार ने ‘डम्ब चारडेज’ के माध्यम से विभिन्न विषयों की जानकारी प्रदान की। उन्होंने विद्यालयों के छात्रों के भीतर शब्दकोष निर्माण के लिए खेल-खेल में हिन्दी व अंग्रेजी के शब्दों का व्यवहारिक ज्ञान प्रदान किया।
इसी प्रकार नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र के शिक्षा खंड रामशहर की राजकीय प्राथमिक पाठशाला मकडोन जमराड़ी के अध्यापक कपिल राघव ने ‘अध्यापक एवं छात्रों की सहायता से कहानी निर्माण’ विषय के माध्यम से विद्यार्थियों को कहानी निर्माण के साथ-साथ वन एवं पर्यावरण संरक्षण तथा स्वच्छता के बारे में जागरूक किया। भारत सरकार के युवाओं को दक्ष बनाने के संकल्प को प्रदेश सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ पूरा कर रही है। प्रदेश सरकार स्कूलों और कॉलेजों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प है। गत वित्त वर्ष में शिक्षा के गुणात्मक सुधार पर 7598 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। जबकि प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2020-21 में शिक्षा क्षेत्र के बजट के लिए 8016 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों में समुचित सुविधाएं उपलब्ध करवा रही है। विद्यालयों की आईसीटी प्रयोगशालाओं में वर्तमान आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करके विद्यालयों में वीडियो सम्मेलन कक्षों की स्थापना गई है। भौगोलिक कठिनाईयों वाले राज्य में वर्चुअल क्लासरूम महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।