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दयाराम कश्यप, सोलन। प्रदेश में आज भी ऐसे कई गांव (Village) हैं जहां के लोग सड़क सुविधा से महरूम हैं। ऐसे ही कुछ गांव जिला सोलन (Solan) से 10 किलोमीटर दूर पंचायत धरोट (Dharot) में भी हैं। आजादी के 72 साल बाद भी इन तीन गांवों आंजी, खंडोल, जीयूं को आजतक सड़क (Road) सुविधा नहीं मिल पाई है। यहां के लोग तीन किलोमीटर पैदल सफर कर सड़क तक पहुंचते हैं। यहां समान ढुलाई के लिए लगाई गई एकमात्र क्रेन भी बरसात के कारण धवस्त हो गई है, जिससे किसानों की समस्या और अधिक बढ़ गई है।
ग्रामीणों का कहना है कि सड़क सुविधा न होने से गांवों में गर्भवती महिलाओं सहित बीमार लोगों को सड़कों तक पहुंचाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यहां तक की कई बार तो समय पर सड़क तक न पहुंचने से घर में ही लोगों को मौत की नींद सोना पड़ा है। बता दें कि इन तीनों गांवों के लोगों की आजीविका कृषि पर निर्भर है। ऐसे में इन लोगों को अपनी नकदी फसलों और दूध को पीठ पर ढोना पड़ता है। हालांकि सामान ढोने के लिए एकमात्र सहारा क्रेन थी, लेकिन इन दिनों बरसात के चलते वह भी जमीदोंज हो गई है।
वहीं ग्रामीणों की माने तो यहां पर सड़क के लिए कई बार सर्वे हो चुका है। मौके पर संबधित विभाग के आलाअधिकारी आये हैं लेकिन उनकी इस जायज मांग को ठंडे बस्ते मे डालकर उन्हे मुलभुत सुविधा प्रदान नहीं की जा रही है। इन गांवों के प्रभावित लोगों ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि पिछले वह करीब 20 वर्षों से हर स्तर पर अपनी सड़क की मांग को उठा रहे हैं। लेकिन उनकी मांग को पूरा नहीं किया जा रहा है। पिछले बीस सालों मे जितनी भी सरकारें आई हैं उन्होंने सिर्फ वोट बैंक की राजनीति की है। वहीं डीसी केसी चमन ने बताया कि मामला उनके ध्यान में आया है। मामले को लेकर जांच कर उचित कार्रवाई अम्ल मे लाई जाएगी।
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