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प्नगति शर्मा/ नाहन। तहसील Nahan के एक विषम परिस्थितियों वाले गांव में जश्न जैसा माहौल है। हो भी क्यों न। ग्रामीणों का 70 साल सपना जो हकीकत में बदल गया। पहली बार एक दुल्हन गाड़ी से अपने ससुराल पहुंचने की खुशी तो है ही। दूसरे सपने जो ग्रामीण एक सड़क सुविधा के जरिए हकीकत में बदलने की क्षमता रखते हैं, अब वो भी पूरे हो गए। अब न तो पीठ पर किसी रोगी को उठाने की जहमत होगी, न ही शादी समारोह में दुल्हनों को काठ की डोली में बिठाकर घर पहुंचाना पड़ेगा। वहीं, वर्षों से गाड़ी खरीदने की सोच रखने वाले भी सीधे अपने गांव में गाड़ी पहुंचाएंगे। जी हां, देवका पुडला पंचायत के टीब गांव ये सभी सपने दो दिन पहले पूरे हो गए।
सन्नी नाम के दूल्हे की दुल्हन सपना गांव की दूसरी दुल्हनों की तरह डोली में नहीं पहुंची, बल्कि गाड़ी से अपने ससुराल जाने का सौभाग्य मिला। पहली बार सड़क सुविधा मिलने से अब गांव के भी हालात बदल गए हैं। इससे पहले गांव की स्थिति ऐसी थी कि यहां होने वाले सामाजिक आयोजनों में रिश्तेदार यहां आने से भी कतराते थे। संभवता यह अपने आप में गांव की तकदीर बदलने वाली पहली ऐतिहासिक घटना है। इससे पूर्व जितनी भी बहुएं गांव आई, सब डोली में बैठकर चट्टानों और गहरी खाइयों के बीच से होते हुए थर-थर कांपकर ससुराल पहुंचती रही। दो दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष Dr. Rajiv Bindal ने धारटी क्षेत्र की देवका-पुड़ला पंचायत में 3.50 लाख रुपए की लागत से पंचायत फंड के तहत निर्मित 2 किलोमीटर आशाराम तापड़-काटल-टीब लिंक रोड का लोकार्पण किया। खुद Dr. Rajiv Bindal भी ग्रामीणों को यह सौगात भेंट करते हुए काफी खुश नजर आए। देवका पुड़ला के पूर्व प्रधान नरेंद्र, पूर्व सैनिक प्रेम थापा उर्फ बिट्टू सहित गृहिणी एवं पूर्व वार्ड मेंबर सपना आदि ने कहा कि सड़क सुविधा मिलने पर ग्रामीण बेहद खुश है। उन्होंने कहा कि सड़क सुविधा न होने के कारण लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ती थी। बीमार लोगों को कंधों पर उठाकर ले जाना पड़ता था। ऐसे में अब 70 साल बाद उनकी यह मांग पूरी हुई है।
विधानसभा अध्यक्ष Dr. Rajiv Bindal ने अधिकारियों की टीम के साथ 3.50 लाख रुपए से निर्मित आशाराम तापड़-काटल-टीब संपर्क सड़क का लोकार्पण करते हुए सड़क का नामकरण शहीद नरेश थापा संपर्क मार्ग करने की घोषणा की है। उन्होंने सड़क लिए दो लाख रुपए देने की घोषणा के साथ टीब गांव के लिए एक बोरवैल खोदने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए IPH Department को आदेश दिए।
गांव की खासियत यह है कि रियासतकाल में करीब 150 साल पूर्व इस गांव को भूप सिंह ने बसाया था। यह गांव भूतपूर्व सैनिकों का गांव है और परिवार के एक युवा एवं जांबाज ने आपरेशन रक्षक के दौरान Jammu-Kashmir में शहीदी पाई थी। इस गांव में अधिकांश एक ही परिवार के वंशज रहते हैं। 10 फौजी परिवार सहित करीब सहित 15 परिवारों वाला यह गांव सड़क की सुविधा के लिए दशकों तक तरसता रहा।
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