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हिमाचल: चीन के खिलाफ तिब्बतियों में आक्रोश, रैली निकाल मनाई राष्ट्रीय विद्रोह की 63वीं वर्षगांठ
धर्मशाला/मंडी। तिब्बती राष्ट्रीय विद्रोह की 63वीं वर्षगांठ पर गुरुवार को तिब्बती समुदाय (Tibetan Community) के विभिन्न संगठनों ने हिमाचल में चीन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन (Protest) किया। वहीं, तिब्बतियों ने मैक्लोडगंज से धर्मशाला तक विरोध रैली भी निकाली। इस अवसर पर तिब्बतियों ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा कि अब वह समय आ गया है कि चीन को हर हालत में तिब्बती देश आजाद करना होगा। बता दें कि आज हिमाचल (Himachal) में तिब्बती राष्ट्रीय विद्रोह की 63वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। इसी कड़ी में मैक्लोडगंज के दलाई लामा मंदिर (Dalai Lama Temple) में भी चीन की दमनकारी नीतियों के खिलाफ 63वां तिब्बती क्रांति दिवस मनाया गया। जिसमे केंद्रीय तिब्बती प्रशासन की ओर से तिब्बती राष्ट्रीय विद्रोह दिवस के अधिकारिक स्मरणोत्सव का आयोजन संसदीय प्रतिनिधिमंडलों की उपस्थिति में थेकचेन चोयेलिंग सुंगलाखांग मैक्लोडगंज में हुआ।
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चेक संसदीय प्रतिनिधिमंडल सीनेट के उपाध्यक्ष जिरी ओबरफल्ज चेक का और भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राज्यसभा सदस्य अमरेंद्र धारी सिंह ने किया। निर्वासित तिब्बत सरकार के सिकयोंग (पीएम) पेम्पा शेरिंग ने कहा कि आज तिब्बत के राष्ट्रीय विद्रोह की वर्षगांठ को मनाया जा रहा है। तिब्बत में रह रहे तिब्बतियों की चीन की दमनकारी नीतियों का सामना करना पड़ रहा और कई तरह की यातनाओं को सहना पड़ रहा है। ऐसे में अपने देश की आजादी की जंग में विद्रोह करते हुए कई तिब्बती चीनी सेना ने मार दिए हैं। आज उन बलिदानियों को भी तिब्बती समुदाय याद कर रहा और तिब्बत में चीन की दमनकारी नीतियों का विरोध कर रहा है। वहीं परमपावन दलाईलामा की लंबी उम्र की कामना भी करते है।
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इसी तरह से मंडी (Mandi) जिला में भी तिब्बती क्रांति दिवस मनाया गया। भारत तिब्बत मैत्री संघ की मंडी इकाई द्वारा ऐतिहासिक सेरी मंच पर तिब्बती क्रांति दिवस की 63वीं वर्षगांठ पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में नगर निगम मंडी के डिप्टी मेयर वीरेंद्र भट ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस मौके पर भारत तिब्बत मैत्री संघ के उपाध्यक्ष विशाल ठाकुर ने कहा कि आज से 63 वर्ष पूर्व तिब्बत के ल्हासा में धर्मगुरु दलाई लामा अपने 40 हजार समर्थकों के साथ चीन द्वारा प्रताड़ित होकर तिब्बत छोड़ने पर मजबूर हुए थे, जिसके बाद उन्होंने भारत में शरण पाई। उसी समय से 10 मार्च को चीन के विरोध में तिब्बती क्रांति दिवस मनाया जाता है। वहीं इस मौके पर भारत तिब्बत मैत्री संघ की टीएसओ डोलमा ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण तिब्बती क्रांति दिवस 2 सालों बाद मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मौके पर जहां चीन की दमनकारी नीतियों का विरोध किया गया। वहीं दलाई लामा की शिक्षाओं पर चलने का भी प्रण लिया गया।
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