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India-China सीमा तनावः मैक्लोडगंज में तिब्बतियों ने चीन के खिलाफ बोला हल्ला
Last Updated on June 16, 2020 by Vishal Rana
धर्मशाला। भारत-चीन (India-China) के बीच एलएसी पर गलवन घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद मैक्लोडगंज (McLeodganj) स्थित तिब्बत निर्वासित सरकार के मुख्यालय मैक्लोडगंज चौक पर तिब्बतियों ने चीन के खिलाफ विरोध जताया। तिब्बतियन यूथ कांग्रेस के सदस्यों ने मैक्लोडगंज में चीन सरकार (China Government) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। संगठन के तिब्बती सदस्यों ने हाथ में बैनर लेकर निर्वासित तिब्बतियों, भारतीयों और पूरी दुनिया के लोगों से बायकॉट चाइनीज गुड्स का आह्वान किया।
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निर्वासित तिब्बतियों ने कोरोना के चिह्न वाला लाल रंग का एक गुब्बारा भी बनाया था। उस गुब्बारे पर मेड इन चाइना लिखा था। यानी इस गुब्बारे के जरिये साफ संदेश दिया कि कोरोना वायरस (Coronavirus) चीन से आया है, जिससे पूरी दुनिया त्रस्त है। तिब्बतियों ने मैक्लोडगंज में चीन सरकार के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान भी चलाया। तिब्बतियों ने कहा कि इस विरोध प्रदर्शन से अब वह पूरी दुनिया में चीन में बने उत्पादों का बहिष्कार करने के लिए अभियान चलाएंगे। दुनिया के 213 देशों के लोग कोरोना वायरस से परेशान हैं।
गलवन घाटी में हिंसक झड़प अति निंदनीय : सांग्ये
केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के अध्यक्ष डॉ. लोबसंग सांग्ये ने भारत-चीन के बीच एलएसी पर लद्दाख की गलवन घाटी में हुई हिंसक झड़प में भारत के तीन सैनिकों की शहादत पर दुख जताया है। उन्होंने इस घटना पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि यह घटना अति निंदनीय है। चीनी नेताओं ने कहा था कि तिब्बत एक हथेली है और लद्दाख, सिक्किम, नेपाल, भूटान, और अरुणाचल पांच उंगलियां हैं। इसलिए एक बार उन्होंने हथेली पर कब्जा कर लिया और अब वे पांचों उंगलियों की ओर आ रहे हैं। 2017 में डोकलाम में गतिरोध हुआ और अब लद्दाख में हो रहा है।
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