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रविंद्र चौधरी/ फतेहपुर। खनन को लेकर चालान के नाम पर वसूले जा रहे भारी भरकम जुर्माने को लेकर ट्रैक्टर मालिकों ने मोर्चा खोल दिया है। इसके चलते नूरपुर व फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के ट्रैक्टरों मालिकों ने अपने ट्रैक्टरों को तलाड़ा में एक जगह खड़ा कर विभाग व सरकार के खिलाफ हल्ला बोला। सरकार के विरुद्ध धरने पर बैठ गए हैं। करीब चालीस ट्रैक्टर मालिक इस आंदोलन में साथ हैं।
ट्रैक्टर मालिक श्रवण पठानियां, साहिल, राकेश, अश्विन, बिल्लू, सन्नी, अमन, किशोरी लाल, सुजान, अश्वनी कुमार, अजीत कुमार, प्रवीण सिंह, रजत शर्मा, मुनीश शर्मा, रणजोध सिंह, ओंकार सिंह, कुलदीप सिंह, राजिंद्र सिंह, कर्ण मन्हास, श्रवण सिंह, दीपक सिंह, साहिल बडोत्रा, सुखदेव सुक्खू, रवि कुमार, वासुदेव, सोनू, अम्मू, बब्बू व टिंकू का कहना है कि सरकार के पास देने के लिए नौकरी नहीं है। वहीं, जब एक गरीब व्यक्ति पढ़ लिखकर अपना व अपने परिवार का पेट पालने के लिए बैंक कर्जे से ट्रैक्टर खरीदकर रेत और बजरी का कार्य करने की कोशिश करता है तो सरकार हम जैसे कई ट्रैक्टर मालिकों से खनन के नाम पर भारी जुर्माना वसूलती है।
एक बार के जुर्माने से लगभग दस दिन तक ट्रैक्टर मालिक भरपाई नहीं कर पाता। इन सभी का कहना है कि बड़े-बड़े क्रशर मालिक राजनीतिक पैठ के चलते जेसीबी के माध्यम से खड्डों का सीना गहराई तक छलनी कर देते हैं। वहीं, सरकार के कामों में भी खड्डों से लाई गई रेत, बजरी का प्रयोग होता है। इन पर तो कोई कार्रवाई नहीं होती।
ट्रैक्टर मालिकों के कहना है कि अगर सरकार चाहे तो इस समस्या का समाधान हो सकता है और प्रत्येक ट्रॉली के बदले रायल्टी का प्रावधान किया जा सकता है, जिससे सरकार को भी आमदनी होगी। उधर, ट्रैक्टर मालिकों को मिलने पहुंचे कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव चेतन चंबियाल ने अपना समर्थन देते हुए कहा कि सरकार जल्द ही ट्रैक्टर मालिकों की मांगों को मानें व स्थाई नीति बनाए।
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