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CBSE के पाठ्यक्रम में शामिल हुआ सुंदरनगर के शिक्षक पवन चौहान का यात्रा संस्मरण
सुंदरनगर। मंडी जिला के सुंदरनगर निवासी साहित्यकार पवन चौहान के एक संस्मरण (Memoirs)को सीबीएसई पाठ्यक्रम (CBSE Syllabus)में शामिल किया गया है। बतौर शिक्षक छम्यार में कार्यरत पवन चौहान का यात्रा संस्मरण ‘आभी के इलाके में पिकनिक’सीबीएसई के पाठ्यक्रम सातवीं कक्षा में शामिल किया गया है। उनका यह संस्मरण कुल्लू जिला की विश्वविख्यात सरयोलसर झील ( Saryolsar Lake) की यात्रा से संबंधित है। आभी एक नन्ही चिड़िया है जो सरयोलसर झील के किनारे पेड़ों पर बैठी रहती है। जैसे ही एक भी पत्ता पेड़ से गिरता है, आभी उसे उठाकर झील के बाहर फेंक देती है। इस यात्रा संस्मरण को सीबीएसई पाठ्यक्रम में सातवीं कक्षा के छात्र अपनी हिंदी की पाठ्य पुस्तक सरस्वती सरगम हिंदी पाठमाला में अतिरिक्त पठन के अंतर्गत वर्ष 2020 के सत्र से पढ़ेंगे। यह पुस्तक नई शिक्षा नीति के मानदंडों पर आधारित है। इसे हिमाचल सहित कर्नाटक, मध्यप्रदेश, केरल, गुजरात, तमिलनाडु व पंजाब आदि के सीबीएसई संबद्ध निजी विद्यालयों के लाखों विद्यार्थी पढ़ेंगे। इस संस्मरण को सीबीएसई के उन स्कूलों में पढ़ाया जाएगा, जहां निजी पब्लिशर की किताबें पढ़ाई जाती हैं।
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इस पुस्तक में सुमित्रा नंदन पंत, रवींद्रनाथ टैगोर, प्रेमचंद, सूर्यकांत त्रिपाठी, भगवती प्रसाद द्विवेदी, बिहारी, तुलसी, रहीम, कबीर, सुभद्रा कुमारी व देवेश सिंगी इत्यादि की रचनाएं हैं। पवन चौहान की रचनाएं ‘बाल कहानी, अलग अंदाज में होली’ महाराष्ट्र राज्य में सातवीं कक्षा की हिंदी की पाठ्य पुस्तक सुगम भारती और हिमाचल प्रदेश के स्कूल पाठ्यक्रम की पांचवीं कक्षा के के पाठ्यक्रम में शामिल की जा चुकी हैं। इनके यात्रा संस्मरण आस्था और रोमांच की यात्रा को केरल के महात्मा गांधी विश्वविद्यालय कोट्टयम के लगभग 400 से ज्यादा कॉलेज के विद्यार्थी बीकॉम के हिंदी पाठ्यक्रम में वर्ष 2017 से पढ़ रहे हैं। बता दें कि लेखन पवन चौहान एक कवि, कहानीकार, बाल साहित्यकार और फीचर लेखक के रूप में जाने जाते हैं। पवन चौहान का नाम देश के अग्रणी युवा बाल कहानीकारों में शामिल है। पवन चौहान का एक कविता संग्रह ‘किनारे की चट्टान’ वर्ष 2015 में और एक बाल कहानी संग्रह ‘भोलू भालू सुधर गया’ वर्ष 2018 में प्रकाशित हुआ है।