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रुद्रप्रयाग। देवभूमि उत्तराखंड के सोनप्रयाग स्थित त्रियुगी नारायण मंदिर (Triyugi Narayan Temple) वेडिंग डेस्टिनेशन बनता जा रहा है। यह वही मंदिर है जहां कभी भगवान विष्णु ने शिव-पार्वती का विवाह करवाया था। देश के लोग ही नहीं, बल्कि विदेश से भी कई लोग यहां शादी करने के लिए आते हैं। यहां इस स्थल के प्रति लोगों के रुझान को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और समितियां इसे अब बड़े वेडिंग डेस्टिनेशन (Wedding destination)में तब्दील करना चाहती हैं।
त्रियुगी नारायण को यूं तो भगवान विष्णु और लक्ष्मी (Lord Vishnu and Lakshmi) के मंदिर के तौर पर जाना जाता है। मंदिर में अखंड धूनी है, जिसे लेकर माना जाता है कि ये वही अग्नि है जिसके फेरे शिव-पार्वती ने लिए थे। लोग यहां आज भी शादी करने के लिए इसलिए आते हैं क्योंकि उनका मानना है कि उनके फेरों की अग्नि धूनि के इर्द गिर्द फेरे लेने से वैवाहिक जीवन सुखी रहता है साथ ही पति-पत्नी के बीच आजीवन प्रेम और समर्पण का भाव बना रहता है। यहां 1100 रुपए के कम खर्च में भी शादी करवाई जा सकती है।
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