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जोगिंद्रनगर। लाखों रुपए रोजाना की आमदन देने वाले शानन पावर हाउस में जुगाड़ का सहारा कभी भी कोई बड़े हादसे का कारण बन सकता है। आलम यह है कि ट्रॉली लाइन के लकड़ी के अधिकतर स्लिपर बद से बदतर हो गए हैं। कई तो सड़ गल चुके हैं। इन्हें बदला नहीं गया है। हालांकि ट्रॉली लाइन के रस्से को बदला जा रहा है। बता दें कि ट्रॉली लाइन के नीचे लगाए गए अधिकांश स्लिपरों की हालत खराब हो चुकी है। इन स्लिपरों पर नट बोल्ट आदि टिकाना भी खतरे से खाली नहीं है। इन स्लिपरों को बदले जाने की जरूरत है, ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके।
शानन प्रोजेक्ट के रेजिडेंट इंजीनियर जीडी शर्मा ने कहा कि हालांकि फिलहाल सभी स्लिपर नहीं बदले जाएंगे, लेकिन जितने भी 50-60 स्लिपरों की उन्हें आवश्यकता है वह भी हिमाचल वन निगम की ओर से उपलब्ध नहीं करवाए जा रहे, जिससे उनका यह महत्वपूर्ण कार्य लंबित हो रहा है। खराब स्लिपरों की वजह से उन्होंने कुछ फीसदी खतरे की आशंका से इंकार नहीं किया। वहीं, ट्रॉली लाइन के लकड़ी के स्लिपर व रस्सा आदि बदले जाते वक्त भी अनहोनी टल गई। रस्सा दो पुलियों को छोड़कर बाहर हो गया और अगर कहीं ज्यादा पुलियां छोड़ जाता तो हादसा बड़ा रूप ले सकता था।
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