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नई दिल्ली। आम जिंदगी में गरीबी के कारण लोग अक्सर पढाई पर ध्यान नहीं दे पाते हैं और हालात से समझौता कर लेते हैं। वहीं राजस्थान के जैसलमेर जिले से सामने आए ताजा मामले में एक गांव में एक ट्रक ड्राइवर के बेटे (Truck driver son) ने गरीबी को चुनौती देते हुए NEET 2019 में सलेक्शन लेकर इस सामान्य सोच को झुठला दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक जैसलमेर जिले के धौलिया गांव निवासी अभिषेक विश्नोई ने NEET 2019 में अपना चयन पक्का कर लिया है। अभिषेक के पिता जगदीश विश्नोई पेशे से एक ट्रक चालक हैं। वे अपने बढ़े भाई के स्वामित्व वाले ट्रक को चलाकर परिवार का पेट पालते हैं।
अभिषेक के चयन की बात सुनकर पूरे गांव में उनकी लगन वह उसके पिता की कड़ी मेहनत की मिसाल दी जा रही है। बता दें की अभिषेक ने परीक्षा में 612 अंक प्राप्त किए हैं। वहीं जनरल श्रेणी में उसकी ऑल इंडिया रैंक 5305 है। रिपोर्ट के अनुसार उनके गांव की आबादी 1000 लोगों की है और वहां सिर्फ 300 घर हैं। अब अभिषेक अपने गांव से पहले डॉक्टर (doctor) बनने वाले हैं। अपने हालातों के बारे में बताते हुए अभिषेक ने कहा की परिवार में माता-पिता और हम दो भाई हैं पापा जगदीश विश्नोई आठवीं पास हैं और ट्रक चलाते हैं। ट्रक ताऊजी का है और वो ड्राइवर के रूप में नौकरी करते हैं। मां पुष्पा देवी निरक्षर हैं, छोटे भाई सुमित ने इस वर्ष 12वीं पास की है। बताया गया कि उनके परिवार को सरकार द्वारा बॉर्डर पर जमीन मिली है जो की गांव से 150 किमी दूर स्थित है। इस जमीन पर सर्दी में पानी नहीं रहता है और गर्मी में खेती के दौरान घर छोड़कर ज़मीन के पास परिवार को रहना पड़ता है।
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