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नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटने का आरोप लगाते हुए सवाल उठाया था कि अगर सरकार मंदिर के लिए ट्रस्ट (Trust) बना सकती है तो एक अन्य ट्रस्ट बनाकर मस्जिद (Mosque) के लिए भी धन क्यों नहीं दे सकती। जिसके बाद अब खबरें सामने आ रही हैं कि मंदिर की तर्ज पर मस्जिद ट्रस्ट का भी गठन हो रहा है जो अयोध्या में मस्जिद का निर्माण कराएगा।
रिपोर्ट्स के अनुसार सुन्नी वक्फ बोर्ड (Sunni Waqf Board) की ओर से मस्जिद ट्रस्ट का ऐलान किया गया है जिसका नाम इंडो इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन (Indo Islamic Culture Foundation) होगा। यही ट्रस्ट अयोध्या में मस्जिद निर्माण और संचालन की औपचारिकताएं पूरी करेगा। हालांकि 24 फरवरी को होने वाली सुन्नी वक्फ बोर्ड की बैठक में ट्रस्ट और इसके सदस्यों के नामों का औपचारिक ऐलान किया जाएगा। बताया जा रहा है कि इस फाउंडेशन में मस्जिद मामले में मध्यस्थता करने वाले लोगों के अलावा सुन्नी वक्फ बोर्ड के लोग सदस्य शामिल होंगे। ट्रस्ट में कुल सात सदस्य होंगे और सुन्नी वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष ही इस ट्रस्ट का पदेन अध्यक्ष होगा। अभी सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारूखी हैं।
गौरतलब है कि अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है और बकायदा इसके लिए एक ट्रस्ट का गठन किया गया है जो अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण कराएगा। दूसरी ओर कोर्ट ने अपने फैसले में मुस्लिम पक्ष को भी अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन देने को कहा है जिसपर मस्जिद का निर्माण किया जाएगा।
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