- Advertisement -
आज के समय में कैंसर जैसी जानलेवी बीमारी से लड़ना भले ही पहले से आसान हो गया हो लेकिन इसके इलाज (Treatment) के दौरान भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। खासकर कीमोथेरेपी में मरीज को जितना दर्द सहन करना पड़ता है उसके साथ और भी कई परेशानियों झेलनी पड़ती हैं। खासतौर पर अगर आप महिला हैं तो कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली कीमोथेरपी (Chemotherapy) की वजह से सबसे पहले नुकसान बालों को ही होता है। कीमोथेरेपी का बालों की ग्रोथ पर नकारात्मक असर (Negative effect) पड़ता ही है। आप भी अगर कीमोथेरेपी के दौरान अपने बाल खो चुकी हैं तो घबराने की कोई बात नहीं हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे तरीके जिनकी मदद से आप फिर से अपने खूबसूरत बाल जल्दी से वापिस पा सकती हैं …
कीमो के बाद आपके बाल कितने दिन में वापस आएंगे यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपके स्कैल्प (Scalp) पर कीमो और दवाइयों का कितना बुरा असर हुआ है। कीमोथेरेपी खत्म होने के 2-3 हफ्ते बाद सबसे पहले सॉफ्ट हेयर आते हैं। फिर करीब 1 महीने बाद सही तरीके से बाल उगने शुरू होते हैं। 2 से 3 महीने बाद करीब 1 इंच बाल लंबे हो जाते हैं और कंघी करने लायक बाल आने में करीब 1 साल का वक्त लग जाता है।
बालों की ग्रोथ (Hair growth) को बढ़ाने के लिए आप चाहें तो अपने खाने में ओमेगा 3 और ओमेगा 6 फैटी ऐसिड वाले फूड आइटम्स के साथ ही सप्लिमेंट्स को भी शामिल कर सकती हैं। साल्मन फिश, फ्लैक्स सीड्स आदि में फैटी ऐसिड की मात्रा अधिक होती है लिहाजा इनका सेवन करना शुरू कर दें।
खोए बालों को वापस पाने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप विटमिन्स और मिनरल्स का सेवन करें। सप्लिमेंट्स लेने के साथ-साथ अपनी डायट में ऐसे फूड आइटम्स को शामिल करें जिनमें विटमिन्स और मिनरल्स की अधिकता हो। हेल्दी हेयर फॉलिकल्स (Healthy Hair Folicles) के लिए विटमिन सी और विटमिन ई का सेवन असरदार माना जाता है जबकि स्कैल्प में ब्लड सर्क्युलेशन बढ़ाने के लिए विटमिन बी बेहद महत्वपूर्ण होता है। लिहाजा आप अपने खाने में खट्टे फल, टमाटर, ब्रॉकली, बादाम, मूंगफली, ऐवकाडो, पालक, अंडा, बेरीज और फिश जैसी चीजों को शामिल करें।
हमारे बाल प्रोटीन से बने होते हैं लिहाजा बालों की मजबूती के लिए बेहद जरूरी है कि आप अपनी डायट में हाई-प्रोटीन फूड आइटम्स (High-protein food items) को शामिल करें। बाल जल्दी उग जाएं इसके लिए आपको अपनी डायट में प्लांट प्रोटीन के साथ-साथ ऐनिमल प्रोटीन को भी शामिल करना चाहिए। मीट, टोफू, एग, मिल्क, दाल आदि प्रोटीन के बेहतरीन सोर्स हैं।
- Advertisement -