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लारजी पावर हाउस में प्रवेश के लिए बनेगी टनल, मुख्य द्वार होगा बंद
वी. कुमार/मंडी। थलौट स्थित लारजी पावर हाउस (Larji Power House) में प्रवेश के लिए एक टनल बनाई जाएगी और यह टनल पावर हाउस के मौजूदा प्रवेश द्वार से काफी ज्यादा ऊंचाई से बनाने का निर्णय लिया गया है। ताकि भविष्य में यदि कभी ब्यास नदी का जलस्तर बढ़े और पानी अपना विकराल रूप दिखाकर तांडव करे, तो भी पावर हाउस को किसी प्रकार का कोई नुकसान ना पहुंच सके। इस दिशा में बिजली बोर्ड के जनरेशन विंग ने कार्य करना शुरू कर दिया है। बता दें कि बीते साल 9 और 10 जुलाई की भारी बारिश से ब्यास नदी का पानी लारजी पावर हाउस में घुस गया था। इस कारण 126 मेगावॉट की यह जलविद्युत परियोजना (Hydroelectric Project) पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी और अभी तक दोबारा बहाल नहीं हो पाई है।
अभी तक 600 करोड़ का नुकसान
बिजली उत्पादन (Power Generation) ठप्प होने के कारण अभी तक बोर्ड को 415 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है जबकि बहाली के लिए 185 करोड़ की धनराशि खर्च करनी पड़ रही है। कुल मिलाकर अभी तक 600 करोड़ का नुकसान आंका गया है। बिजली बोर्ड के जनरेशन विंग के चीफ इंजीनियर संजय कौशल ने बताया कि भविष्य में पावर हाउस को दोबारा ऐसा नुकसान न हो, इसके लिए लारजी पावर हाउस में प्रवेश के लिए एक टनल बनाने की योजना बनाई गई है। अभी जो मुख्य द्वार है उसे हाइड्रोलिक तकनीक के साथ बंद कर दिया जाएगा और उससे अधिक ऊंचाई पर प्रवेश के लिए एक टनल बनाई जाएगी। प्राकृतिक आपदा का खतरा होने पर इस हाइड्रोलिक द्वार को बंद कर दिया जाया करेगा और टनल के माध्यम से अंदर आना-जाना रहेगा। पावर हाउस के दोबारा शुरू हो जाने के तुरंत बाद टनल बनाने के कार्य को शुरू कर दिया जाएगा।
पावर हाउस में 42-42 मेगावॉट के तीन यूनिट
संजय कौशल (Sanjay Kaushal) ने बताया कि 126 मेगावॉट के इस पावर हाउस में 42-42 मेगावॉट के तीन यूनिट हैं। एक यूनिट को बाकी दो यूनिटों से कलपुर्जे निकालकर 15 जनवरी तक बिजली उत्पादन शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। 42 मेगावॉट की एक यूनिट शुरू हो जाने से रोजाना 8 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा। जबकि बाकी दो यूनिटों को अप्रैल और मई महीने तक शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए नए पुर्जे मंगवाए जा रहे हैं। तीनों यूनिट जब शुरू हो जाएंगी तो फिर 22 लाख यूनिट से ज्यादा का बिजली उत्पादन रोजाना हो पाएगा।
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