- Advertisement -
नई दिल्ली। देश की सभी बड़ी टेलीविजन निर्माता कंपनियां भारत में टीवी उत्पादन के मिल रहे रोजगार में भारी कटौती करने जा रही हैं। इसका कारण देश में टीवी निर्माण का काम बंद करने की तैयारी बताया जा रहा है। चर्चा है कि ये कंपनियां टीवी (TV Companies) के ओपन सेल पैनल आयात करने के बजाय अब सीधा टीवी का ही आयात (Import) करेंगी। इसका बड़ा कारण टीवी के ओपन सेल पैनल के आयात पर लगने वाली 5 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी (Import Duty) को बताया जा रहा है। इस बार के बजट में इस इंपोर्ट ड्यूटी को कम नहीं किए जाने के बाद कंपनियां उन देशों में टीवी निर्माण करने की योजना बना रही हैं, जो भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) में हैं। वहां से टीवी आयात करने पर इन कंपनियों को कोई इंपोर्ट ड्यूटी नहीं देनी होगी। इसके चलते कंपनियां 5 फीसदी की बचत कर सकेंगी। इसे मोदी सरकार के मेक-इन-इंडिया (Make in India) अभियान के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, जापानी कंपनी सोनी ने एफटीए रूट के जरिए थाईलैंड (Thailand) से टेलीविजन आयात करना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही भारत में बने कुछ मॉडल्स को मलेशिया भेज दिया है। प्रीमियम और बड़ी स्क्रीन की टीवी बनाने वाली यह कंपनी वियतनाम से भी टेलीविजन आयात करने के बारे में योजना बना रही है। सैमसंग ने तो पिछले साल से ही देश में टीवी बनाना बंद करके वियतनाम (Vietnam) से आयात शुरू कर दिया था। ओपन सेल पैनल टीवी का सबसे अहम भाग है, जो कुल कीमत में 70 फीसदी हिस्सेदारी रखता है। भारत में इस पैनल का निर्माण नहीं होता है, लिहाजा इसे निर्यात किया जाता है। इस पर 5 फीसदी शुल्क लगता है। यह शुल्क कंपनियों पर भारी पड़ता है। ऐसे में उनके लिए दूसरे देश में टीवी बनाकर भारत में आयात करना ज्यादा फायदेमंद होगा। देश का टीवी बाजार तकरीबन 22 हजार करोड़ रुपए का है। 2018-19 में टेलीविजन का निर्यात 45 फीसदी बढ़कर 7,224 करोड़ रुपए का हो गया। ये निर्यात चीन, वियतनाम, मलेशिया, हांगकांग और ताइवान जैसे देशों से किए गए थे। अकेले वियतनाम से ही 2,317 करोड़ रुपए के टीवी सेट इंपोर्ट किए गए, जबकि इसके पिछले साल वियतनाम से सिर्फ 62 करोड़ रुपए के टीवी सेट का आयात किया गया।
- Advertisement -