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चंबल। पैडमैन फिल्म तो आपने देखी ही होगी जिसमें एक्टर अक्षय कुमार ने महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान आने वाली परेशानी और उनकी लापरवाही को लेकर एक मैसेज दिया था। फिल्म की कहानी अरुणाचलम मुरुगनाथम के जीवन पर आधारित थी। इससे काफी लोग जागरूक भी हुए थे और लोगों ने महिलाओं की जरूरत को समझते हुए इस दिशा में काम करना भी शुरू किया। इनमें से ही हैं चंबल के दो सगे भाई जो कि पैडमैन (Padman) के नाम से मशहूर हो चुके हैं।
भिंड के मनेपुरा गांव के ये दोनों भाई, महिलाओं को ना केवल सैनिटरी नैपकिन (Sanitary Napkin) यूज करने के लिए जागरूक करते हैं बल्कि अपनी ही फैक्ट्री में तैयार बहुत ही सस्ते सैनिटरी नैपकिन महिलाओं को उपलब्ध करवा रहे हैं। इन दोनों भाइयों का सैनिटरी नैपकिन का कारोबार इतना फैल गया है कि देश के साथ-साथ अब नेपाल तक इनकी बनाई मशीन की डिमांड आने लगी है। मनेपुरा गांव के रहने वाले अनुराग बोहरे और विराग बोहरे इस काम को कर रहे हैं। इन दोनों भाइयों ने चंबल जैसे इलाके में वो कारनामा कर दिखाया जिसे कोई सोच भी नहीं सकता था। चंबल जहां महिलाएं घूंघट से बाहर नहीं निकल पाती हैं, ऐसे माहौल मे अनुराग और विराग ने महिलाओं को सैनिटरी नैपकिन का उपयोग करने और इस विषय पर खुलकर बात करने के लिए जागरूक करने का काम किया।
अनुराग बताते हैं कि वे अपने भाई विराग के साथ सोलर की ट्रेनिंग करने के लिए जयपुर के एक गांव में गए थे। यहां पर उन्होंने महिलाओं को पैड बनाते हुए देखा था, लेकिन उन्होंने जब महिलाओं से इस बारे में बात की तो महिलाओं ने बताया कि उनके बनाए हुए पैड (Pad) काफी कमजोर क्वालिटी के होते हैं इसलिए महिलाएं उन्हें इस्तेमाल करने में संकोच करती हैं। इसके बाद से ही दोनों भाइयों ने ठान लिया कि वे महिलाओं की इस परेशानी को दूर करने के लिए कम कीमत में ही अच्छे गुणवत्ता वाले सैनिटरी नैपकिन बनाएंगे। काफी मशक्कत के बाद दोनों भाइयों को सफलता मिल गई और दोनों भाइयों ने ऐसी मशीन तैयार कर ली जो काफी कम कीमत में बहुत अच्छी क्वालिटी के सैनिटरी नैपकिन बनाती है। मार्केट के एक पैड की कीमत 8 से 10 रुपए होती है लेकिन यह 2 रुपए में बेस्ट पैड उपलब्ध करवा रहे हैं।
अनुराग और विराग बताते हैं कि शुरूआत में उन्हें काफी परेशानी आई। लोगों ने उनका मजाक भी उड़ाया, लेकिन घरवालों ने दोनों भाइयों का हौसला बढ़ाया और उनका सहयोग किया। यही वजह रही कि अनुराग और विराग ने जल्द ही सैनिटरी नैपकिन के कारोबार मे काफी अच्छा मुकाम हासिल कर लिया। विराग बताते हैं कि देश के अलग-अलग हिस्सों में 200 से ज्यादा प्लांट उनके द्वारा तैयार किए जा चुके हैं। इसके साथ ही नेपाल तक भी उनकी बनाई हुई मशीन और सैनिटरी नैपकिन की सप्लाई पहुंचने लगी है। अब नेपाल में भी इन दोनों भाइयों के पास प्लांट लगाने के लिए ऑर्डर आने लगे हैं। दोनों भाइयों के साथ इनकी बहन पूजा बोहरे भी कंधे से कंधा मिलाकर साथ देती है। पूजा फैक्ट्री में काम करने आने वाली महिलाओं को काम सिखाने के साथ-साथ अन्य काम भी देखती हैं। इसके साथ ही पूजा गांव की महिलाओं और बच्चियों को सैनिटरी नैपकिन उपयोग करने के लिए जागरूक भी करती हैं।
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