कब होगा लैंडस्लाइड 10 से 15 मिनट पहले की मिल जाएगी सूचना, जानिए कैसे
सिरमौर में नाहन-शिमला हाई-वे पर लगाए दो लैंडस्लाइड सेंसर
Update: Thursday, December 20, 2018 @ 12:27 PM
नाहन। अब सिरमौर वासियों के लिए
लैंडस्लाइड से निपटना और भी आसान हो जाएगा, क्योंकि कुछ समय पहले ही इसकी सूचना मिल जाएगी। सिरमौर जिला प्रशासन ने एक अच्छी पहल की है। प्रशासन ने
आईआईटी मंडी के सहयोग से लैंडस्लाइड सेंसर लगाए हैं, जिससे समय से पहले ही लैंडस्लाइड होने की सूचना मिल पाएगी।
दरअसल, सिरमौर जिला प्रशासन ने आईटीआई मंडी के सहयोग से जिला में शुरुआती चरण में दो लैंडस्लाइड सेंसर नाहन-शिमला हाई-वे पर लगाए गए हैं। ये लैंडस्लाइड सेंसर भूस्खलन से करीब 10 से 15 मिनट पहले ही अलर्ट देंगे यानी 10 मिनट पहले ही मौके पर हूटर बजने के साथ-साथ रेड लाइट ब्लिंक होगी और सब अलर्ट हो जाएंगे।
आईआईटी मंडी टेक्निकल टीम के सदस्य अंकुश पठानिया और प्रवीण कुमार ने कहा कि लैंडस्लाइड सेंसर का पहले मंडी जिला में सफल इस्तेमाल किया गया है, जिसके बाद सिरमौर जिला प्रशासन के आग्रह पर इसे यहां लगाया जा रहा है। लैंडस्लाइड सेंसर से लोगों तक दो जरिए से इसकी सूचना पहुंच पाएंगी एक तो जहां मौके पर होटल और रेड लाइट ब्लिंकिंग होगी, वहीं दूसरी तरफ ग्लोबल अलर्ट के जरिए प्रशासन को भी तुरंत एसएमएस पहुंच जाएगा, जिसके बाद प्रशासन तुरंत हरकत में आ कर इस दिशा में प्रभावी कदम उठा सकता है। जिला मंडी के कोटरोपी में लैंडस्लाइड सेंसर के सफल प्रयोग के बाद सिरमौर जिला प्रशासन ने इसे लगाने का फैसला लिया है। जिला समन्वयक डिस्ट्रिक डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी राजन कुमार शर्मा ने कहा कि बरसात से पहले जिला में पांच लैंड स्लाइड सेंसर लगाए जा रहे हैं और बजट को स्वीकृति मिली तो इनकी संख्या बढ़ाई जा सकती है।
20 हजार रुपए की है टेक्नोलॉजी
भू-स्खलन निगरानी और चेतावनी टैक्नोलॉजी की कीमत महज 20 हजार रुपए है, जो मौसम मानकों और मिट्टी के गुणों को भी रिकॉर्ड कर सकती है। आईआईटी मंडी ने कोटरोपी त्रासदी के बाद इस मॉडल को ईजाद किया था। त्रासदी के बाद इन उपकरणों को वहां स्थापित कर दिया गया था। कोटरोपी में दोबारा भू-स्खलन से पहले ही चेतावनी जारी हो गई थी।