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नादौन। सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने का दावा करती है, लेकिन कई बार यह दावे बौन साबित होते दिखाई देते हैं। नादौन अस्पताल की बात करें तो यहां पर एक बैड पर दो-दो और तीन-तीन मरीजों का उपचार हो रहा है। ऐसे हालातों में लोग अस्पताल से अपने जिम्मेदारी से छुट्टी लेकर अन्य जगह उपचार करवाने को मजबूर हैं।
पत्रकारों को जानकारी देते हुए रोगियों (Patients) व उनके तामीरदारों ने बताया कि स्थान व भवन की कमी के करण एक ही बैड पर तीन-तीन रोगियों का उपचार चल रहा है, जिसके कारण कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पता चला है कि दस बैड के इस अस्पताल में दाखिल किए जाने वाले रोगियों (Patients) की संख्या रोजाना चालीस तक चल रही है। वहीं, इसके अलावा रात को आने वाले रोगियों की संख्या अलग से है। जबकि रोजाना दो सौ से अढ़ाई सौ तक की ओपीडी चल रही है। ऐसे में यहां के हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है।
दिन के समय में भी चिकित्सकों के कमरों के बाहर लंबी लाइनों को अक्सर देखा जा सकता है। गौर हो कि अस्पताल के निार्माणाधीन भवन का कार्य कछुआ चाल से चल रहा है। इस कार्य के कारण मुख्य भवन में स्थान की कमी हो गई है। यह सरकार बनते ही स्वास्थ्य मंत्री ने नादौन दौरे के समय दावा किया था कि एक साल में इस नए भवन का लोकार्पण सीएम करेंगे परंतु अभी भी जिस गति से कार्य चल रहा है, उससे लगता है कि भवन के लिए लोगों को और अधिक इंतजार करना पड़ेगा। लोगों ने भवन का कार्य शीघ्र पूर्ण करने की मांग की है, ताकि उनकी परेशानियों का हल हो सके। इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार (Health Minister Vipin Parmar)का कहना है कि कार्य शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दे दिए गए हैं।
फोटो समाचार
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