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Teacher ने संभाला बॉर्डर का जिम्मा, क्वारंटाइन सेंटर और रेलवे स्टेशन पर भी शुरू की सेवाएं
Last Updated on July 7, 2020 by Vishal Rana
ऊना। भविष्य निर्माता कहे जाने वाले शिक्षक अब कोरोना (Corona) के इस संकट भरे दौर में भी अपनी सेवाएं देने के लिए आगे आए हैं, जिससे इन अध्यापकों का नाम भी बतौर कोरोना योद्धा लिया जाएगा। जिला प्रशासन ने ट्रायल के आधार पर अध्यापकों (Teachers) को ऊना उपमंडल में प्रवेश द्वारों, क्वारंटीन केंद्रों और रेलवे स्टेशन पर बाहरी राज्यों से आने वालों को सेवाएं प्रदान करने का जिम्मा सौंपा है। आज से 50 अध्यापकों ने प्रशासन द्वारा बताएं गए स्थानों पर अपनी सेवाएं शुरू भी कर दी हैं। इससे पहले जिला ऊना (Una) में जिला प्रशासन द्वारा इस कार्य के लिए राजस्व कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी, लेकिन अब राजस्व से जुड़े कार्यालय शुरू होने के बाद प्रशासन ने अध्यापकों की सेवाएं लेना शुरू किया है। इसके लिए बाकायदा जिला प्रशासन द्वारा अध्यापकों को एक दिन की ट्रेनिंग भी दी गई है।
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फिलहाल जिला प्रशासन द्वारा ट्रायल (Trial) के आधार पर ऊना उपमंडल में अध्यापकों को ड्यूटी (Duty) सौंपी है। अगर, यह ट्रायल सफल रहता है तो जिला के अन्य स्थानों पर भी अध्यापक बतौर कोरोना योद्धा सेवाएं देते नजर आएंगे। डीसी ऊना संदीप कुमार ने कहा कि अध्यापकों ने स्वंय इस कोरोना काल में सेवाएं देने का प्रस्ताव दिया था, जिसके बाद जिला प्रशासन द्वारा शिक्षकों को जिम्मेदारी दी गई है। डीसी ऊना (DC Una) ने कहा कि अध्यापकों की इन सेवाओं को जिला ऊना के लोग सदैव याद रखेंगे। वहीं नई जिम्मेदारी मिलने पर ऊना के अध्यापक भी खासे उत्साहित हैं। अध्यापकों की मानें तो उन्हें गर्व है कि जिला प्रशासन द्वारा उन्हें राष्ट्र की सेवा का मौका दिया गया है। अध्यापकों ने कहा कि प्रशासन ने जो जिम्मेदारी उन्हें दी है वो उसे बखूबी निभाएंगे।