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ऊना KCC Bank 80 लाख फर्जी लोन मामले की होगी विजिलेंस जांच, NPA बढ़ा तो ट्रांसफर
Last Updated on February 27, 2020 by Deepak
धर्मशाला। ऊना जिले के केसीसी बैंक (KCC Bank) के 80 लाख के फर्जी लोन मामले सहित अन्य ताजे मामलों की जांच विजिलेंस करेगी। पिछले कल हुई केसीसी बैंक बीओडी की बैठक में लोन कमेटी सदस्य की अनियमितताओं सहित अन्य अनियमितताओं के मामले की जांच विजिलेंस को सौंपने का निर्णय लिया है। इसका खुलासा आज केसीसी बैंक के 75वें साधारण अधिवेशन में हुआ। केसीसी बैंक का 75वां अधिवेशन काफी गहमागहमी भरा रहा। सदस्यों ने एनपीए बढ़ने पर चिंता जताई। कहा कि एनपीए बढ़ने के मामले में अधिकारी या कर्मचारी पर प्रबंधन ने क्या कार्रवाई की इस बात को सार्वजनिक नहीं किया जाता है।
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आखिर क्या कारण है कि उनका नाम छिपाया जाता है। इस पर बैंक प्रबंधन ने विचार करने की बात कही। अधिवेशन में प्रबंधन ने एक मत में कहा कि अब जिस भी ब्रांच का एनपीए (NPA) बढ़ेगा, उसका सारा स्टाफ ट्रांसफर कर दिया जाएगा। प्रबंधन ने सदस्यों से यह भी भरोसा लिया कि कोई भी किसी अधिकारी या कर्मचारी की ट्रांसफर रूकवाने के लिए सिफारिश नहीं करेगा। वहीं, सदस्यों ने अधिवेशन में बैंक के जीएम द्वारा पेश 2018-19 के लेखा जोखा भी आंकड़ों का मायाजाल बताया है। सदस्यों ने कहा कि अगर डिपोजिट और लोनिंग ठीक है तो वित्तीय घाटा कैसे बढ़ रहा है। अधिवेशन केसीसी बैंक के चेयरमैन राजीव भारद्वाज की अध्यक्षता में हुआ। एक को छोड़कर अधिवेशन में आए सभी एजेंडों को हरी झंडी मिली।
यह है ऊना का मामला
कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक की गवर्नमेंट कॉलेज शाखा पर 80 लाख के फर्जी लोन बनाने का मामला सामने आया है। कांगड़ा जिला के गांव धमेटा निवासी सूरजकांत ने कांगड़ा बैंक की कॉलेज शाखा पर आरोप लगाया है कि उसके परिवार के चार सदस्यों जिसमें दो भाइयों, पत्नी और पिता के नाम पर वर्ष 2017 से 20-20 लाख रुपए के लोन चल रहे हैं, जिसके बारे में उसे या उसके परिवार को कोई जानकारी ही नहीं थी और ना ही वो या उसके परिवार का कोई सदस्य कांगड़ा बैंक की इस कॉलेज शाखा में कभी आए। शिकायतकर्ता ने बताया कि लोन जारी होने के बाद न तो उन्हें कभी नोटिस निकाला गया और न ही कभी इस ऋण के बारे में उन्हें कोई जानकारी दी गई।