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ऊना। प्रदेश में बढ़ते आत्महत्याओं के मामलों (Suicide Case) पर लगाम लगाने के लिए जिला ऊना (Una) में कदमताल शुरू हो गई है। पुलिस प्रशासन ने जिला भर में बेहद आसानी से आत्महत्या जैसे कदम तक पहुंचने वाले रास्ते को बंद करने की शुरूआत कर दी है। हम बात कर रहे हैं कृषि विक्रय केंद्रों पर बेहद आसानी से मिलने वाले जहरीले कीट नाशक सल्फास की। जिला भर में हो रहे आत्महत्याओं के मामलों में सबसे ज्यादा इसी कीटनाशक के निगले जाने के तथ्य सामने आ रहे हैं। पुलिस प्रशासन (Police administration) ने बकायदा इस संबंध में अपने कर्मचारियों को सिविल वर्दी में बाजार में उतार कर एक सर्वे भी करवाया, जिसमें जहरीले पदार्थ बाजारों में खुलेआम बिकने की बात सामने आई है। अब इसी बिक्री पर लगाम कसने के लिए पुलिस ने कृषि विभाग (Agriculture Department) को भी अपने साथ लेकर लगाम कसने की कवायद शुरू कर दी है।
हैरानी की बात यह है कि इन कीटनाशकों की बिक्री का कोई रिकॉर्ड कहीं पर भी नहीं है। हालांकि जिला में आत्महत्या पहले भी होती रही हैं, लेकिन जब से कोविड-19 (Covid-19) का साया पहले देश फिर प्रदेश और उसके बाद जिला पर पड़ा तो इन मामलों में काफी वृद्धि भी दर्ज की गई। जिला पुलिस द्वारा आत्महत्याओं के मामलों की जांच पड़ताल के दौरान ऐसा पाया गया कि अधिकतर मामले जहरीले पदार्थ निगलने के चलते हुए हैं और इन जहरीले पदार्थों में भी सबसे अधिक संलिप्तता गेहूं में रखे जाने वाले कीटनाशक सल्फास की पाई जा रही है। सभी जानते हैं कि सल्फास का अभी तक कोई एंटी डॉट मौजूद नहीं है। ऐसे में सल्फास निगले व्यक्ति को बचाना स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञों के लिए भी काफी मुश्किल हो रहा है।
आत्महत्याओं के इन बेतहाशा मामलों पर लगाम कसने के लिए पुलिस ने इसकी जड़ तक जाने का फैसला लिया। पुलिस अधिकारियों ने बकायदा अपने कर्मचारियों को सिविल वर्दी में कीटनाशक दुकानों (Pesticide Shops) पर भेजा और एक सर्वे करवाया। इतना ही नहीं सर्वे को निकले पुलिस कर्मचारी बेहद आसानी से इस जहरीले पदार्थ को खरीद कर भी ले आए। मामले की पुष्टि करते हुए पुलिस अधीक्षक ऊना अर्जित सेन ठाकुर ने बताया कि जिला की कई दुकानों पर यह जहरीले पदार्थ बेहद आसानी से उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि आत्महत्याओं की इसी जड़ को खत्म करने के लिए पुलिस विभाग ने अब कृषि विभाग को अपने साथ लेकर मामले पर लगाम कसने की तैयारी शुरू कर दी है। जिसके तहत कृषि विक्रय केंद्रों पर इस तरह की दवाओं को बेचने वाले लोगों को अब इन कीटनाशकों का एक रिकॉर्ड मेंटेन करना जरूरी होगा, ताकि इन कीटनाशकों का दुरुपयोग होने से रोका जा सके और अनमोल जीवन बचाया जा सके।
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