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शिमला। कोरोना काल में सबसे ज्यादा प्रभावित और पीड़ित मजदूर वर्ग (Working Class) हुआ है। सरकार की ओर से भी इस वर्ग को ना कोई मदद और ना किसी तरह की राहत दी गई। यह बात शुक्रवार को शिमला में डीसी ऑफिस (DC Office) के बाहर सीटू (CITU) के बैनर तले प्रदेश की दस से अधिक ट्रेड यूनियनों ने मजदूरों के हितों को लेकर किए गए देश व्यापी प्रदर्शन के दौरान कही। प्रदर्शन के दौरान सीटू ने कहा कि कोरोना काल में देश के अलग अलग हिस्सो में मजदूरों को पैदल चलते देखा गया, जिससे देश में लगभग 900 मजदूरों की मौत हो गई है। बावजूद इसके सरकार की तरफ से मजदूरों को किसी भी तरह की मदद नहीं मिली।
सीटू ने आरोप लगाया है कि जो पैकेज केंद्र सरकार ने जारी किया वह मजदूरों तक पहुंचा ही नहीं बल्कि उसका सीधा फायदा केवल पुंजिपतियो को मिला है। मजदूरों को जो तीन माह का वेतन (Salary) मिलना चाहिए था वह भी सरकार तय नहीं कर पाई है। वहीं दूसरी और कोरोना काल का फायदा उठाते हुए पूंजीपतियों ने मजदूरों को नौकरियों से निकल दिया। इस मामले में भी सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया। इसके उल्ट सरकार (Government) ने कोरोना काल का फायदा उठाते हुए कई श्रम कानूनों में बदलाव कर दिया। सीटू ने मांग की है कि कोरोना काल में प्रभावित हुए मजदूरों को सरकार राहत प्रदान करे।
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