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सुंदरनगर। विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन ने प्रदेश सरकार पर अफसरशाही के हावी होने का आरोप लगाया है। सुंदरनगर में पत्रकार वार्ता करते हुए यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने कहा कि गत वर्ष सुंदरनगर में यूनियन का महाधिवेशन आयोजित किया गया था, जिसमें सीएम वीरभद्र सिंह ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की थी।
उन्होंने कहा कि इस दौरान सीएम ने 48 श्रेणियों के कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को तीन माह में दूर करने के आदेश दिए थे। लेकिन, अफसरशाही के हावी होने के कारण एक वर्ष से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद भी इन विसंगतियों को दूर नहीं किया गया है, जिसके चलते यूनियन को प्रदेश स्तर पर संघर्ष करने के लिए बाध्य होना पड़ा है। उन्होंने आरोप लगाया कि अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त सीएम के आदेशों को ठेंगा दिखा रहे हैं, जिसके कारण कर्मचारी वर्ग में उनके प्रति खासा रोष है।
बिजली बोर्ड कर्मचारियों के वेतनमानों में 35 साल के अंतराल के बाद छेड़छाड़ की गई है, जिसकी वजह से कई श्रेणियों के कर्मचारियों से रिकवरी तक की जा रही है। उन्होंने कहा कि सीएम ने विद्युत बोर्ड प्रबंधन वर्ग से बोर्ड में हो रही रिटायरमेंट के मद्देनजर नई भर्तियों के लिए पांच साल का रोडमैप मांगा गया है, लेकिन एक साल में प्रबंधन वर्ग पांच साल का रोडमैप तक उपलब्ध नहीं करवा पाया है, जिसके कारण भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से ठप पड़ी हुई है।
उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में करीब तीन हजार पद भरने की सरकार ने स्वीकृति दी थी, जिनकी प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। इससे कहीं अधिक संख्या में कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। कर्मचारियों की निरंतर हो रही कमी के कारण काम का बोझ बोर्ड में कार्यरत कर्मचारियों पर लगातार बढ़ता जा रहा है। उन्होंने सरकार से सेवानिवृत्ति के आधार पर नए कर्मचारियों की भर्ती की मांग उठाई है।
कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने यूनियन की तरफ से नवनिर्मित सब स्टेशनों के लिए अनुमोदित 550 पदों को भरने की अधिसूचना शीघ्र जारी करना, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पदोन्नत कर क्लर्क बनाने और निर्धारित समय सीमा पूरी करने वाले दैनिक वेतन भोगियों को नियमित करना, वर्कचार्ज प्रथा खत्म कर सभी को नियमित करना, करूणामूल आधार पर लंबित पड़े 950 मामलों को शीघ्र निपटाना तथा आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए एक स्थाई नीति बनाने के साथ उन्हें विद्युत बोर्ड के अधीन लाया जाना मांगों को सरकार से उठाया।
उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो अगस्त माह में सर्कल और डिवीजन स्तर पर धरना दिया जाएगा। अगर फिर भी मांग नहीं मानी गई तो 5 सितम्बर को 10 हजार कर्मचारियों के साथ मिल कर विधानसभा के बाहर धरना दिया जाएगा।इस अवसर पर प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष कामेश्वर शर्मा, उपाध्यक्ष दौलतराम राणा, उप महासचिव जगमेल ठाकुर तथा सुंदरनगर ईकाई प्रधान गंगाराम ठाकुर सहित अनेक पदाधिकारी मौजूद रहे।
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