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लोगों की तरह अब जमीन का भी होगा ‘आधार नंबर’, देश में शुरू होने जा रही है ये योजना
Last Updated on February 4, 2022 by sintu kumar
नई दिल्ली। अब देश में लोगों के आधार कार्ड (Aadhar Card) की तरह अब जमीन का भी यूनिक रजिस्टर्ड नंबर होगा। सरकार वन नेशन वन रजिस्ट्रेशन कार्यक्रम (One Nation One Registration Program ) के तहत यह काम करेगी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने बजट में पहले ही यह ऐलान कर दिया है कि लैंड का डिजिटल तरीके से रिकॉर्ड रखा जाएगा।
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आईपी बेस्ड टेक्नोलॉजी का किया जाएगा इस्तेमाल
जानकारी के अनुसार, लैंड का डिजिटल तरीके से रिकॉर्ड रखने के लिए आईपी बेस्ड टेक्नोलॉजी (IP Based Technology) का इस्तेमाल किया जाएगा। जमीनों के कागज की मदद से उनके रिकॉर्ड को डिजिटली रिकॉर्ड रखा जाएगा। केंद्र सरकार का लक्ष्य 2023 तक देशभर से लैंड रिकॉर्ड को डिजिटल करने का है। मार्च, 2023 तक पूरे देश में जमीन का रिकॉर्ड डिजिटल करने का लक्ष्य रखा गया है।
14 अंकों का यूनिक नंबर होगा जारी
डिजिटल लैंड रिकार्ड (Digital Land Record) करने से कई तरह से फायदे मिलेंगे। इसे 3सी फार्मूले के तहत बांटा जाएगा, जो सभी फायदा देगा। इनमें सेंट्रल ऑफ रिकॉर्ड, कलेक्शन ऑफ रिकॉर्ड, कन्वीनियंस ऑफ रिकॉर्ड से आम जनता को काफी फायदा होगा। इसके साथ ही आपकी जमीन की 14 डिजिट का एक यूएलपिन (ULPIN Number) नंबर यानी यूनिक नंबर जारी होगा। आसान भाषा में कहें तो जमीन का आधार नंबर भी कह सकते हैं। भविष्य में घर बैठे बस एक क्लिक में आप अपनी जमीन के सभी डॉक्युमेंट्स देख पाएंगे।
एक क्लिक में पता लग जाएगी जमीन की पूरी डिटेल
वहीं, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (Prime Minister Kisan Samman Nidhi) जैसी कई योजनाओं में भी इस यूएलपिन का प्रयोग हो सकेगा। इसके अलावा यूएलपिन नंबर के जरिए देश में कहीं भी जमीन खरीदने और बेचने में दिक्कत नहीं होगी। खरीदने और बेचने वाले की पूरी डिटेल सामने होंगे। अगर उस जमीन का आगे चलकर बंटवारा भी होता है तो उस जमीन का आधार नंबर अलग-अलग हो जाएगा।
ड्रोन के जरिए नापी जाएगी जमीन
गौरलतब है कि वन नेशनए वन रजिस्ट्रेशन प्रोग्राम के जरिए सरकार ड्रोन (Drone) की मदद से जमीन नापेगीं ड्रोन से जमीन पैमाइस से किसी तरह की गलती या गड़बड़ी की आशंका नहीं होगी। इसके बाद इस पैमाइश को सरकारी डिजिटल पोर्टल पर उपलब्ध करा दिया जाएगा। मौजूदा समय में देश में 140 मिलियन हेक्टेयर जमीन पर खेती हो रही है। 125 मिलियन हेक्टेयर जमीन को ठीक किया जा रहा है।