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Supreme Court में यूपी सरकार ने कहाः विकास दुबे का Encounter नहीं था fake
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) से कहा है कि कानपुर कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे और उसके साथियों के एनकाउंटर( Encounter) फेक नहीं थे। आज सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर यूपी सरकार की तरफ़ से ये एफ़िडेविट फ़ाइल( Affidavit file) किया गया है। यूपी सरकार ने एनकाउंटर को सही बताया और कहा कि इसे किसी भी तरह फेक एनकाउंटर नहीं कहा जा सकता। इसे लेकर किसी तरह का संशय नहीं रहे इसके लिए सरकार ने सभी तरह के कदम उठाए हैं।
इस मामले की अगली सुनवाई 20 जुलाई, सोमवार को होनी है। यूपी पुलिस ने कहा है कि एनकाउंटर के मामले में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पूरी तरह पालन किया गया है। आत्मरक्षा में पुलिस ने हिरासत में पुलिस के हथियार छीनकर भाग रहे दुर्दान्त अपराधी पर गोली चलाई थी। एनकाउंटर के बाद सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक़ यूपी सरकार ने न्यायिक आयोग गठित किया है जो कि एनकाउंटर की जांच कर रहा है। यूपी पुलिस ने दुबे के ख़िलाफ़ दर्ज सभी आपराधिक मामलों की सूची कोर्ट को दी है।
आठ पुलिसकर्मियों को किया था शहीद
कानपुर के बिकरू गांव में विकास दुबे और उसके गुर्गों ने आठ पुलिसकर्मियों को शहीद कर दिया था। गांव में देर रात तक चले एनकाउंटर में विकास दुबे और उसके कई साथी फरार हो गए थे। इसके बाद यूपी एसटीएफ ने आठ दिनों के भीतर पांच एनकाउंटर करते हुए कई आरोपियों को ढेर कर दिया था। कई दिनों तक पांच लाख रुपये के इनामी गैंगस्टर विकास दुबे को ढूंढने के बाद वह मध्य प्रदेश के उज्जैन से पकड़ा गया था। यूपी एसटीएफ वहां से दुबे को कानपुर लेकर आ रही थी, तभी अगले दिन सुबह उसका एनकाउंटर हो गया। यूपी एसटीएफ ने दावा किया कि पुलिस की गाड़ी पलटने की वजह से दुबे भागने की कोशिश करने लगा। उसने पुलिस से बंदूक छीन ली और फायरिंग भी की। इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दुबे को ढेर कर दिया था।
उत्तर प्रदेश के कानपुर में 2 जुलाई की रात हुई आठ पुलिसवालों की हत्या के आरोपी 11 लोग अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। इसके अलावा कुछ और लोगों के बारे में जानकारी मिली है कि अप्रत्यक्ष तौर पर विकास की मदद कर रहे थे। इन लोगों के बारे में सुराग मिलने पर एसटीएफ की टीमों ने मंगलवार देर रात एक साथ कई जिलों में छापेमारी की थी। एक दर्जन से अधिक लोगों को उठाकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस और एसटीएफ को सूचना मिली थी कि कानपुर देहात, औरैया और झांसी में विकास के कुछ गुर्गे अपने रिश्तेदारों के यहां छिपे हैं। इसके बाद एसटीएफ ने सभी इलाकों में एसटीएफ और पुलिस की संयुक्त टीम को सतर्क कर दिया। देर रात लगभग ढाई बजे एक साथ सभी जगहों पर छापेमारी की गई।