- Advertisement -
आनी। स्थानीय विस क्षेत्र में पांच कांग्रेसी नेताओं व कार्यकर्ताओं पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते की कार्रवाई के खिलाफ विरोध के स्वर उठने लगे हैं। जिला कांग्रेस अध्यक्ष बुद्धि सिंह ठाकुर द्वारा आनी विस क्षेत्र में पार्टी विरोधी कार्य करने के लिए उनके समेत पांच लोगों पर की गई कार्रवाई का एपीएमसी अध्यक्ष यूपेन्द्र कांत मिश्रा ने कड़ी निंदा की है। उन्होंने इस कार्रवाई को एक तरफा तथा घटिया राजनीति करार दिया है। उन्होंने कहा कि वे पार्टी के अनुशासित एवं कर्मठ कार्यकर्ता रहे हैं।
छात्र राजनीति से लेकर युकां तथा प्रदेश स्तर के विभिन्न पदों पर पार्टी के लिए विभिन्न तरह की जिम्मेवारियां बखूवी निभाई हैं। उन्होंने कहा कि अपनी अध्यक्षता में उन्होंने दो विस चुनाव व तीन लोस चुनावों में उन्होंने बतौर कांग्रेस पार्टी प्रभारी अहम भूमिका निभाई है। ऐसे में कांग्रेस के निष्ठावान सिपाही होने का प्रमाणपत्र कांग्रेस अध्यक्ष बुद्धि सिंह से लेने की जरूरत नहीं है। वर्तमान विस चुनावों में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी परसराम के पक्ष में जोरदार चुनाव प्रचार किया है, जिसके उनके पास हजारों प्रमाण मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि यदि उनके पास ऐसा कोई एक प्रमाण है, जिससे ये जाहिर हो कि उन्होंने पार्टी विरोधी कार्य किया है तो वे स्वयं ही राजनीति से सन्यास ले लेंगे।
एपीएमसी अध्यक्ष यूपेन्द्र कांत मिश्रा ने कहा कि निरमंड ब्लॉक का कांग्रेस कार्यालय आज भी उनके घर निरमंड में चल रहा। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने गाड़ियों व कार्यकर्ताओं का काफिले और स्वयं प्रत्याशी परसराम के साथ डोर-टू-डोर जाकर वोट मांगे हैं, जिसका उनके पास प्रमाण है। जबकि उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले पांच सालों में जिलाध्यक्ष ने पार्टी को कमजोर करने का षड्यंत्र रचते रहे और वर्तमान विधायक का टिकट काटने के लिए पिछले तीन सालों से षड्यंत्र रचाते रहे। जबकि प्रदेश में कांग्रेस के अंदर मात्र एक कांग्रेस विधायक का टिकट काटने का चक्रव्यूह रचाते रहे। उन्होंने कहा कि आउटर सिराज में पूर्व विधायक ईश्वरदास को हराने के लिए खुलकर काम किया, जिसे स्वयं प्रदेश के सीएम वीरभद्र सिंह भी जानते हैं।
वैध नहीं कार्रवाई और जिलाध्यक्ष कार्रवाई को करने में सक्षम नहीं
उन्होंने कहा कि जिलाध्यक्ष द्वारा की गई अन्यायपूर्ण कार्रवाई के लिए वे सक्षम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ये कार्रवाई वैध नहीं है और न ही जिलाध्यक्ष इस कार्रवाई को करने में सक्षम हैं। इसके अलावा सत्यापाल, सतपाल, बंसीलाल व कुलवंत कश्यप ने कहा कि जिलाध्यक्ष ने कांग्रेस पार्टी को पूरे जिले में प्राइवेट लिमिटेड बना कर रखा है। उन्होंने कहा कि पिछले 15 सालों में जिलाध्यक्ष अपने भाई को पंचायत चुनावों में नहीं जिता पा रहे हैं, जबकि भारी मतों से उनकी हार हो रही है।
- Advertisement -