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ओम प्रकाश चौहान/जोगिंद्रनगर। जेएंडके के उड़ी सेक्टर में हुए आतंकी हमले में जख्मी सैनिक जसवंत दिल्ली के आरआर सेना अस्पताल में 5 महीनों के उपचार के बाद घर लौट आए हैं। जोगिंद्रनगर की लडभड़ोल तहसील की मतेहड़ पंचायत के बोहल गांव के सैनिक जसवंत को सकुशल घर वापस लाने की दुआएं काम आईं और बुधवार को वह अपने घर लौट आए हैं। ऐसा कहा जा सकता है कि सैनिक जसवंत मौत से जंग लड़कर और उसमें जीत दर्ज कर घर लौटे हैं। परिजनों व सगे संबंधियों तथा स्थानीय लोगों ने घर लौटने पर उनका नम आंखों से स्वागत किया। आंखें तो नम थी, लेकिन यह आंखू खुशी के थे। क्योंकि पिछले पांच महीने से परिजन व स्थानीय लोग उनकी सलामती की दुआएं मांग रहे थे। पिछले साल 18 सितंबर को जेएंडके के उड़ी सेक्टर में हुए आतंकी हमले में बुरी तरह जख्मी हो गए थे, जबकि उस हमले में 20 सैनिक शहीद हो गए थे।
जसवंत के सकुशल घर लौटने पर बूढ़े मां-बाप, पत्नी व बच्चों में तो खुशी का माहौल है। वहीं, सगे-संबंधी व ग्रामीण भी जसवंत की वापसी से गदगद हैं। बुरी तरह जख्मी हुए जसवंत को करीब 5 महीनों के उपचार के उपरांत 14 फरवरी को ही दिल्ली के आरआर सेना अस्पताल से छुट्टी मिली है। 10 डोगरा रेजिमेंट के सैनिक जसवंत को 7 गोलियां लगी थीं। अब वह बैसाखियों के सहारे चल रहे हैं, जबकि बाजुओं में भी पूरी शक्ति न होने की फिलहाल शिकायत है।
अप्रैल माह में वह दोबारा आरआर अस्पताल में उपचार के लिए जाएंगे, क्योंकि पूरी तरह स्वस्थ होने के लिए उन्हें समय लग सकता है। क्योंकि बाजू व टांग के 5 आप्रेशन हुए हैं। पिता जय सिंह, माता सुती देवी व पत्नी सावनी देवी सहित सभी लोग जसवंत की पूर्ण कुशलता की उम्मीदों के साथ उनकी सेवा में जुट गए हैं।
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