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इंडिया में है ये वो जगह जहां शव जलाने का भी वसूला जाता है “टैक्स”
Last Updated on May 16, 2021 by Deepak
भारत बहुत बड़ा देश है। विविधताओं को समेटे इस देश में बहुत सारे रीति- रिवाज व परंपराएं ऐसी हैं , जो हम सबको अचंभित करती हैं। हमें हैरान होने पर मजबूर करते हैं। आज हम उन्हीं में से एक पंरपरा के बारे में आपको बताने जा रहे हैं। जी, हम आज बात कर रहे हैं इंडिया की एक ऐसी जगह की जहां शव जलाने का भी टैक्स वसूला (Tax is collected from Dead Person) जाता है। बात समझने वाली है , टैक्स वसूलने के बाद ही उसकी चिता जलाई जाती है।
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जी, उत्तर प्रदेश के बनारस (Varanasi)में श्मशान घाट में एक ऐसा घाट भी है, जहां पर मुर्दों से भी टैक्स वसूला जाता है। यह घाट है हरिश्चंद्र घाट, जहां पर लगभग तीन हजार साल से अंतिम संस्कार के लिए कीमत चुकानी पडती है। इस श्मशान घाट (Crematorium) के रखरखाव जिम्मेदार डोम जाति के पास है। कहते हैं कि यहां राजा हरिश्चंद्र ने बेटे के दाह संस्कार के लिए अपनी पत्नी की साड़ी का एक टुकड़ा बतौर कर के रूप में दिया था। राजा हरिश्चंद्र को एक वचन के कारण अपने राजपाट को छोड़ना पड़ा। उस समय उनके पास कुछ भी नहीं था तब उनके बेटे की मृत्यु हो गई। उस समय राजा जब अपने बेटे की लाश को लेकर शमशान घाट पहुंचा तो उस समय अपने बेटे के दाह संस्कार के लिए उन्हें कल्लू डोम से इजाजत मांगी।
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कहते हैं कि उस वक्त बगैर दान दिए अंतिम संस्कार करने की इजाज़त नहीं थी। जिस कारण से कल्लू ने भी दान मांगा लेकिन उस समय राजा हरिश्चंद्र (Raja Harishchandra) के पास कल्लू को दान देने के लिए कुछ भी नहीं था। लेकिन राजा ने कल्लू को अपनी पत्नी की साड़ी का एक टुकड़ा बतौर दान में दिया। उस वक्त से चली आ रही ये परंपरा आज भी कायम है। डोमराजा परिवार के कई घरों का चूल्हा इसी टैक्स से चल रहा है। यही परिवार श्मशानघाट का रखरखाव भी करता है।