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धर्मशाला। नगर निगम व स्थानीय प्रशासन तीन साल के अंतराल बाद भी वेंडर जोन या रेहड़ी-फड़ी मार्केट के लिए स्थान चिन्हित नहीं कर सका है। लेकिन, इसके बावजूद सोमवार को धर्मशाला के कचहरी अड्डे में नगर निगम के तह बाजारी अधिकारी ने नगर निगम के कुछ सफाई कर्मियों के साथ मिलकर सड़क किनारे सब्जी विक्रेताओं की जबरन सब्जी उठाकर नगर निगम की कूडे़ से भरी गाड़ी में डाल दी।
हालांकि वहां पर मौजूद दो गृह रक्षक आरक्षियों के रोकने के बावजूद भी अपने पद की धौंस दिखाते हुए इस अधिकारी ने सब्जी विक्रेताओं व अन्य लोगों की बात तक सुनना मुनासिब नहीं समझा। नियम-कायदे के अनुसार नगर निगम के तह बाजारी अधिकारी को जब्त की गई सब्जी की सूची बनानी होती है, लेकिन इसके विपरीत इस अधिकारी ने जब्त किए गए सामान की काई भी सूची तैयार नहीं की व जब्त की गई सब्जी व अन्य सामान को कहां रखा इस की सूचना देना भी जरूरी नहीं समझा।
धर्मशाला के कचहरी अड्डे में सब्जी बेचने वाले यह अधिकतर लोग गरीब परिवार से संबंध रखते हैं व अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए कचहरी अड्डे में सब्जी बेचते हैं । इस बारे में जब सब्जी विक्रेता मस्तराम, कुलदीप चंद, दीप चंद व राजेश से बात की गई तो उन्होंने बताया कि नगर निगम द्वारा रोजना उनसे 50 रुपए की पर्ची इस जगह पर बैठने की एवज में काटी जाती है, जब नगर निगम उनसे 50 रुपए बसूल रहा है तो फिर बिना चेतावनी दिए इस तरह से उनकी सब्जी को नगर निगम के तह बाजारी अधिकारी द्वारा जब्त क्यों कर लिया जाता है। सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि नगर निगम द्वारा इस जगह पर सब्जी न बेचने के लिए उन्हें कोई सूचना नहीं दी गई थी।
एसडीएम धर्मशाला धर्मेश रमोत्रा ने कहा कि कुछ दिन पहले एक बैठक के दौरान यह फैसला लिया गया था कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान कचहरी अड्डे में कोई भी सब्जी विक्रेता अपनी सब्जी की दुकानें नहीं लगाएगा। इसी कड़ी में नगर निगम के तह बाज़ारी अधिकारी ने यह कार्रवाई की। लिखित में ऐसी कोई भी कार्रवाई करने के आदेश अभी जारी नहीं किए हैं। ज्वाइंट कमिश्नर नगर निगम धर्मशाला प्रभात चौधरी ने बताया कि नगर निगम ने तह बाज़ारी अधिकारी को सब्जी विक्रेताओं की जबरन सब्जी उठाने के आदेश नहीं दिए हैं। उसने किस के आदेश पर यह कार्य किया है। संबंधित कर्मचारी से जवाब-तलब कर जब्त की गई सब्जी के संबंध में भी जानकारी जुटाई जाएगी।
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