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लोकिन्दर बेक्टा, शिमला। विधानसभा में आज राज्यपाल के अभिभाषण पर हो रही चर्चा के दौरान सीएम वीरभद्र सिंह और बीजेपी सदस्य रणधीर शर्मा के बीच जमकर नोक-झोंक हुई। कानून व्यवस्था को लेकर रणधीर शर्मा ने प्रदेश सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 2012 में बीजेपी की सरकार के समय तक 12 हजार मामले दर्ज हुए, लेकिन इस सरकार के 4 वर्ष में 17249 मामले दर्ज हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि मंडी में दिसंबर 2016 में गाड़ियों की चोरियों का खुलासा करने वाले पुलिस कर्मचारी को केस को आगे न बढ़ाने और केस बंद करने का पुलिस पुलिस अफसर ने दबाव बनाया था।
इस दबाव के बाद उक्त पुलिस कर्मचारी ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन सरकार ने उसका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया, बल्कि उसे बटालियन में शिफ्ट कर दिया। उसके बाद उक्त कर्मचारी प्रशासनिक ट्रिब्यूनल गया और वहां से उसे स्टे मिला। इसके बाद सरकार ने उसे थाने के वजाय पुलिस लाइन में लगा दिया। इस पर वह दोबारा ट्रिब्यूनल जाने पर टेंपरेरी आदेश थाने के किए गए। रणधीर शर्मा जब ये आरोप लगा रहे थे कि वाहन चोरी के मामले को सरकार दबाना चाहती है तो सीएम अपनी सीट से उठे और कहा कि सदस्य जो कह रहे हैं वे इसे लिखित में शपथ पत्र के साथ दें। सरकार इसकी हाईकोर्ट के जज से न्यायिक जांच करवाएगी। उन्होंने कहा कि सदस्य जो बात कह रहे हैं वह तथ्यों के विपरीत है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है। रणधीर फिर भी बोलते रहे और कहने लगे कि वे जो कह रहे हैं वह सही है और तथ्यों पर बात रख रहे हैं। इस पर सीएम ने कहा कि सदस्य अंटशंट बोल रहे हैं और यदि वे सही बोल रहे हैं और तथ्य हैं तो शपथ पत्र के साथ दस्तावेज दें। वे इसकी जांच करवाएंगे। रणधीर के बार-बार यही आरोप दोहराने पर सीएम ने कहा कि वे सदस्य के खिलाफ मानहानि का केस करेंगे। उन्होंने कहा कि विधायक ने झूठ बोलकर सदन को गुमराह किया है। बीजेपी सदस्य रणधीर शर्मा ने वन विभाग में हुई भर्ती में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और बिलासपुर में भर्ती में हुई अनियमितता को उठाया। उन्होंने कहा कि जिस उम्मीदवार के कम अंक थे, उसे इंटरव्यू में अधिक अंक लेकर चयनित कर लिया गया, जबकि अधिक हासिल करने वालों को बाहर कर दिया। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग में नर्सिंग भर्ती का मामला उठाया और कहा कि पहले 314 पोस्ट विज्ञापित की और फिर 116 की अधिसूचना निकाली और जब परिणाम आया तो 553 नर्सों का चयन हुआ। यह कैसे हो गया। इस पर सीएम ने कहा कि सदस्य जो आरोप लगा रहे हैं वह निराधार है। सारी भर्ती नियमों के तहत होती है और भर्ती की प्रक्रिया आपके समय में भी ऐसी ही थी और अब भी ऐसी ही हैं। इस पर रणधीर ने कहा कि केंद्र ने तृतीय और चतुर्थ श्रेणी में साक्षात्कार को समाप्त किया है। उन्होंने पूछा कि यहां सरकार ऐसा क्यों नहीं कर रही। उन्होंने आरोप लगाया कि यहां भाई-भतीजावाद हावी है और इसलिए यहां यह बंद नहीं हो रहा है। रणधीर ने कहा कि वे तथ्यों पर बात कर रहे हैं और वे दूसरी बार चुनकर आए हैं और उन्हें भी मालूम है कि क्या बोलना चाहिए। इस दौरान सदन में शोरशराबा होने लगा और स्पीकर बीबीएल बुटेल को हस्तक्षेप करना पड़ा और फिर जाकर मामला शांत हुआ।
दूसरी राजधानी सुविधा के लिए नहीं, बन रही वोटों के लिए
बीजेपी विधायक रणधीर शर्मा ने क्षेत्रवाद और धर्मशाला को दूसरी राजधानी बनाने के मामले पर कांग्रेस सरकार पर तीखे हमले बोले। उन्होंने कहा कि धर्मशाला को दूसरी राजधानी जनता को सुविधा के लिए नहीं बनाई जा रही है, बल्कि वोटों के लिए खोली जा रही है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रवाद की राजनीति पर पर्दा डालने के लिए सरकार इस तरह के लॉलीपाप दे रही है। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह ने 1993 में कांगड़ा के लोगों को शीतकालीन प्रवास शुरू किया। वीरभद्र सिंह ने धर्मशाला में विधानसभा बनाई। कांग्रेस ने सोचा कि वे दोबारा सत्ता में आएंगे, लेकिन जनता ने बाहर किया। आज धर्मशाला विधानसभा का खर्च 50 करोड़ रुपये खर्च हो रहा है। इसका उपयोग महज पांच दिनों के लिए है। शर्मा ने कहा कि अब धर्मशाला में राजधानी की बात कही है और अब तो आप बिल्कुल भी सत्ता में नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि सीएम का यह बयान कि आई लव कांगड़ा ही क्षेत्रवाद है। उन्होंने कहा कि सीएम ऐसा इसलिए बोल रहे हैं, क्योंकि वहां पर 15 सीटें हैं। उन्होंने पूछा कि क्या सीएम सीटों के हिसाब से प्यार करेंगे। उन्होंने पूछा कि बिलासपुर से किसी को मंत्री क्यों नहीं बनाया। उन्होंने कहा कि वे कांगड़ा के किसी मंत्री को सीएम प्रोजेक्ट करें तब उन्हें मानेंगे। उन्होंने कहा कि यह बीजेपी ही है जिस ने कांगड़ा से सीएम दिया और केंद्रीय मंत्री भी दिया।
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