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विहिप का आरोप- चारागाह की सरकारी जमीनों पर बन रहे अवैध मस्जिद
मंडी। देव ऋषि पराशर की धरती पर सुक्कासर के अवैध मस्जिद के निर्माण (Illegal Mosque Construction) का मामला अब सियासी रूप से तूल पकड़ता जा रहा है। विरोध के बाद हालांकि, स्थानीय प्रशासन ने निर्माणाधीन ढांचे को वहां से हटा दिया गया है, लेकिन चारागाह के लिए दी गई जमीन पर अवैध रूप से मस्जिद बनाने के मामले ने गुरुवार को यहां सियासी रंग ले लिया। विश्व हिंदू परिषद (VHP) के प्रांत प्रमुख लेखराज राणा ने आरोप लगाया कि मंडी जिले (Mandi District) में भी 5 स्थानों पर अवैध तरीके से मस्जिदों का निर्माण किया गया है। इसके बाद भी जिला प्रशासन भी मूकदर्शक बना हुआ है।
उन्होंने एक प्रेस वार्ता में कहा कि समुदाय के लोगों द्वारा कुछ वर्ष पहले भी यहां पर ऐसी हरकत की गई थी। जिसे भी देव समाज व स्थानीय लोगों के द्वारा बंद करवा दिया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की खाली पड़ी जमीनों पर प्रदेश में मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा अवैध तरीके से निर्माण किया जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बाहर से आकर मौलवी हिमाचल में रह रहे मुस्लिम समुदाय के लोगों को भटका रहे हैं और पूरे प्रदेश में अवैध रूप से मस्जिदों का निर्माण किया जा रहा है।
उठाई जांच की मांग
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाकों में जितने भी चरागाह (Grassland) हैं, वह मुस्लिम समुदाय के लोगों को आवंटित किए जाते हैं। हिंदू समाज के लोग भी भेड़ बकरियों व अन्य पशु पालते हैं। पराशर में चरागाह के परमिट भी इन व्यक्तियों के नाम पर नहीं है जो वहां पर रह रहे हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार के मुखिया सुखविंदर सिंह सुक्खू से बाहरी राज्यों से आ रहे मुस्लिम समुदाय के लोगों के खिलाफ जांच की मांग उठाई है।
वरना कोर्ट जाएंगे
पराशर मंदिर कमेटी प्रधान बलवीर ठाकुर ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के यह लोग यहां पर कुछ महीनों के लिए आते हैं, जबकि घास के कोठों के निर्माण के लिए भारी संख्या में इमारती लकड़ी का दुरुपयोग हो रहा है। पराशर में चरान के परमिट व घास के कोठों के बारे में पहले भी वन विभाग को अवगत करवाया गया है। लेकिन अधिकारी इस बारे में एक कोई सुध नहीं ले रहें हैं। उन्होंने कहा कि पराशर पर्यटन नगरी के रूप में विकसित हुआ है और यहां पर इस तरह की गतिविधियां नहीं होनी चाहिए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जिला प्रशासन इस बारे में कोई नहीं लेता है तो वे अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
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