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शिमला। वीएचपी (विश्व हिन्दू परिषद्) ने रोहड़ू में हुई हिंसा को सोची-समझी साजिश करार दिया, साथ ही पुलिस प्रशासन पर भी सवाल उठाए। वीएचपी प्रदेश अध्यक्ष अमन पुरी ने आज शिमला में कहा कि रोहड़ू में काफी लंबे समय से बाहरी राज्यों से मजदूरी की आड़ में आने वाले विशेष समुदाय के लोगों की बहुतायत संख्या किसी बड़े षड़यत्र की तरफ इशारा करती है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के पास कोई पहचान पत्र नहीं होते है और न ही पुलिस के पास इनका कोई पंजीकरण या अधिकारिक रेकॉर्ड होता है।
अमन पुरी ने कहा कि वीएचपी लंबे समय से बाहरी राज्यों से मजदूरी की आड़ में आने वाले लोगों की पहचान कर उनके पंजीकरण की मांग प्रशासन से करता रहा है। उन्होंने कहा कि रोहड़ू में ही कुछ समय पहले भी एक गाय की संदिग्ध अवस्था में मौत हुई थी, जिसकी जानकारी लोगों द्वारा पुलिस प्रशासन को दी गई। लेकिन पुलिस प्रशासन ने उस समय भी विषय की गंभीरता को न समझते हुए मामले को नगर पालिका पर डाल दिया। अगर उस समय गाय का पोस्टमार्टम कर उचित कारवाई की जाती तो शायद गौ हत्यारों को पकड़ने में मदद मिल सकती थी। बता दें कि 26 दिसंबर को गौवंश का कटा सिर मिलने से इलाके में हिंसा भड़क उठी थी।
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