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हिमाचल से जुड़े हैं मानव तस्करी के तार, झारखंड के युवक ने सुनाई अपनी दर्दनाक दास्तां
नई दिल्ली। मानव तस्करी की एक हैरान करने वाली कहानी झारखंड के चाईबासा से सामने आई है। इस कहानी के तार पहाड़ी राज्य हिमाचल से भी जुड़े हैं। करीब 11 साल पहले कागज लुगरी नामक युवक को एक महिला ने काम दिलाने का वादा किया। तुलसी केराई नाम की यह महिला ने कागज को बताया कि दिल्ली में उसके लिए एक जॉब है। जिसके बाद कागज राजी खुशी तुलसी के साथ काम की तलाश में झारखंड से दिल्ली चला गया। दिल्ली पहुंचेते ही तुलसी ने कागज को एजेंट के हाथों बेच दिया।
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दिल्ली सड़कों पर मांगना पड़ा भीख
एजेंट के हाथों बिकने के बाद कागज का जीना मुहाल हो गया। जहां से कागजी लागुरी को हिमाचल भेज दिया गया। हिमाचल में उसने 11 महीने काम किया। फिर उसे हिमाचल से लुधियाना लाया गया। जहां उसने सात साल तक काम किया। वह हिमाचल और लुधियाना में होटलों में काम करता था। मेहनताने के एवज में उसे महज 3000 रुपए मिलते थे। जिसे उसका एजेंट छीन लेता था। लुधियाना के बाद उसे फिर दिल्ली लाया गया। इस दौरान उसने करीब 2 साल काम किया। इन सब के बीच जब भी कागज घर जाने की बात करता, तो एजेंट उसे मारने पीटने लगता। एजेंट कहता कि जब उसके यहां से कोई दूसरा आएगा, तभी वह घर जा सकता है।
किसी तरह भागने में हुआ कामयाब
दिल्ली में काम करते हुए कागजी लागुरी किसी तरह भागने में कामयाब हुआ। फिर इधर-उधर से पैसे मांगे और किसी तरह अपने घर लौट आया। जेटेया थाना प्रभारी ने बताया कि इस मामले में आरोपी तुलसी केराई को जेल भेजा जा चुका है।
भूल गया मां की बोली
12 साल तक लुधियाना, हिमाचल और दिल्ली में रहने के चलते कागज लुगरी अपनी मां की बोली ‘हो’ भूल चुका है। वह उत्तर के राज्यों के लोगों की तरह अब फर्राटेदार पंजाबी बोलता है। कागज कहता है कि उसे अब हो समझ में आती है, लेकिन बोलने में उसकी जुबान लड़खड़ा जाती है।