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फर्जीवाड़े मामले में पूर्व DGP का बेटा भगौड़ा घोषित, सरेंडर को एक माह का समय
Last Updated on March 4, 2020 by Deepak
ऊना। आबकारी विभाग ऊना में शराब के दो ठेकेदारों द्वारा किए गए फर्जीवाड़े के मामले में स्टेट विजिलेंस (vigilance) एंड एंटी क्रप्शन ब्यूरो ने मुख्य आरोपी और पूर्व डीजीपी (DGP) डॉ. डीएस मिन्हास के पुत्र अमिल मिन्हास को अदालत (Court) से भगौड़ा करवाने को उद्घोषणा जारी करवा दी है। इसके बाद विजिलेंस टीम मामले में आरोपी की धरपकड़ के लिए आगामी अभियान में जुट गई है। हालांकि मुख्य आरोपी अमिल के पास सरेंडर करने के लिए अभी भी एक माह तक का समय है, लेकिन फिर भी उसके पेश न होने की सूरत में उसकी मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं। बता दें कि अमिल के विजिलेंस के समक्ष पेश नहीं होने पर उसकी संपत्ति की कुर्की करने का अधिकार भी विजीलेंस को होगा।
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इस मामले में एसवी एंड एसीबी के एएसपी सागर चंद्र ने बताया कि करोड़ों रुपए के फर्जीवाड़े के मामले में अमिल मिन्हास और उसकी पत्नी हरप्रिया मिन्हास ने ऊना के सैशन कोर्ट से अग्रिम जमानत की याचिका खारिज होने के बाद हाईकोर्ट शिमला में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी। हरप्रिया मिन्हास को तो जमानत मिल गई थी, लेकिन अमिल मिन्हास की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी।
अदालत के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए अमिल मिन्हास वहां से फरार हो गया और केस की जांच में एक बार भी शामिल नहीं हुआ। इस पर विजिलेंस ने दंड प्रकिया संहिता की धारा 82 के तहत अदालत से उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करवाया, जिसके बाद उसे भगौड़ा होने की उद्घोषणा करवाई गई है। उद्घोषणा विभिन्न सार्वजनिक स्थानों और उसके आवासीय मकानों में चिपकाई जा रही है। उद्घोषणा में आरोपी को एक माह के अंदर पेश होने का आदेश दिया जाएगा। पेश न होने की दशा में आगामी कार्रवाई में धारा 83 दंड प्रकिया संहिता के अनुसार उसकी संपत्ति की कुर्की करने के प्रावधान को भी अपनाया जा सकता है।