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बैंगलुरू। विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल मैच में मुंबई ने शनिवार को दिल्ली को 6 विकटों से हराकर टूर्नामेंट का खिताब तीसरी बार अपने नाम किया। मुंबई ने साल 2003-04 और 2006-07 में भी इस खिताब को जीता था। वहीं अगर बात दिल्ली की करें तो उसका दूसरी बार इस खिताब को जीतने का सपना टूट गया। एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले गए इस फाइनल मैच में मुंबई ने पहले टॉस जीतकर दिल्ली को बल्लेबाजी करने का मौका दिया। दिल्ली ने बल्लेबाजी करते हुए 45.4 ओवर में 177 रन पर अपने सारे विकेट गंवा दिए। पूरे टूर्नामेंट में एक भी मैच न हारते हुए मुंबई ने इस मैच को भी 35 ओवर में 4 विकेट रहते ही अपने नाम कर लिया।
लक्ष्य का पीछे करने उतरी मुंबई की शुरुआत खराब रही उसके ओपनर बल्लेबाज 40 रन के अंदर ही आउट हो गए। उसके बाद आदित्य तारे (71) और सिद्धेश लाड (48) के बीच हुई पांचवे विकेट की लिए 105 रन की साझेदारी ने मुंबई को जीत दिला दी। तारे ने 89 गेंदों पर 13 चौके और एक छक्का लगाया जबकि लाड ने 68 गेंदों पर चार चौके और दो छक्के जड़े। तारे को उनकी शानदार बल्लेबाजी की वजह से मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार भी मिला। दिल्ली की तरफ से गेंदबाजी करते हुए नवदीप सैनी ने 53 रन देते हुए सबसे जयादा तीन विकेट हासिल किए। इससे पहले दिल्ली की तरफ से बल्लेबाज़ी करने उतरे हिम्मत सिंह ने 41, ध्रुव शौरी ने 31, सुबोथ भाटी ने 25 और पवन नेगी ने 21 रन बनाए। वहीं गेंदबाज़ी कर रही मुंबई की तरफ से धवल कुलकर्णी और शिवम दुबे ने तीन-तीन तथा तुषार देशपांडे ने दो और शम्स मुलानी ने एक विकेट हासिल किए।
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