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Political Crisis: विक्रमादित्य भाई कट्टर सनातनी, एक परिवार का गुलाम नहीं
शिमला। Political Crisis: हिमाचल प्रदेश में सियासी संकट के बीच बुधवार को कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) ने अपने पद से इस्तीफा (Resign) दे दिया है। हिमाचल कांग्रेस सरकार खतरे के साए में है। अभी फिलहाल, हिमाचल सरकार के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है, 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव में ये बात साफ हो गई है। राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Election) में हुई क्रॉस वोटिंग के कारण बीजेपी के हर्ष महाजन जीत गए हैं। वहीं, इस्तीफा देते ही विक्रमादित्य सिंह ने सुख सरकार को उनके इस फैसले का कारण भी बताया है। वहीं, बीजेपी नेता तेजिंदर सिंह बग्गा ने विक्रमादित्य सिंह को लेकर ट्वीट किया है और लिखा है- ‘@VikramadityaINC भाई कट्टर सनातनी (Staunch Sanatan) हैं। सोनिया गांधी के राम मंदिर ना जाने के आदेश को ठुकरा कर वो राम मंदिर (Ram Mandir) गये। उन्होंने दिखा दिया वो एक परिवार के गुलाम नहीं हैं।’ हिमाचल प्रदेश से केवल विक्रमादित्य सिंह ही नहीं, बल्कि उनके साथ विधायक सुधीर शर्मा ने भी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लिया था।
. @VikramadityaINC भाई कट्टर सनातनी हैं । सोनिया गांधी के राम मंदिर ना जाने के आदेश को ठुकरा कर वो राम मंदिर गये । उन्होंने दिखा दिया वो एक परिवार के ग़ुलाम नहीं हैं ।
— Tajinder Bagga (@TajinderBagga) February 28, 2024
विक्रमादित्य हुए भावुक
सीएम सुक्खू (CM Sukhu) से नाराज विक्रमादित्य सिंह अपने मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद भावुक होकर बताया कि वे अपने पिता के पद चिन्हों पर चलेंगे। सुख सरकार पर आरोप लगाते विक्रमादित्य बोले कि जिनकी वजह (वीरभद्र सिंह) (Virbhadra Singh) से सरकार बनी उन्हीं की मूर्ति लगाने के लिए 2 गज जमीन नहीं दी गई। उनका कहना है कि विधायकों की अनदेखी हुई है। अगर हमारे अस्तित्व को मिटाने की कोशिश की जाएगी तो हम सहन नहीं करेंगे। उधर, कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार और भूपेंद्र सिंह हुड्डा को हिमाचल कांग्रेस से नाराज विधायकों को मनाने के लिए शिमला भेजा है।
प्राण प्रतिष्ठा में पहुंचे विक्रमादित्य
आपको बता दें कि जब रामलला प्राण प्रतिष्ठा (Ramlala Pran Pratishtha) कार्यक्रम अयोध्या में आयोजित हुआ था तो कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और मौजूदा अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को निमंत्रण मिला था, लेकिन उन्होंने निमंत्रण ठुकरा कर वहां पहुंचने में असमर्थता जताई थी। खास बात यह है कि पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने के लिए अयोध्या पहुंच गए थे। तभी से ही हिमाचल कांग्रेस सरकार में अंदरूनी कलह की शुरूआत हुई थी।
-अवंतिका खत्री